उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में ‘मिड-डे मील’ के नाम पर बच्चों को नमक-रोटी बांटने का वीडियो बनाकर खुलासा करने वाले स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल पर जिला प्रशासन ने कई आपराधिक मामले दर्ज करवा दिए हैं। दूसरी ओर, पत्रकार ने अपना एक वीडियो जारी कर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है। पत्रकार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने किरकिरी होते देख उनके ऊपर ये मुकदमे दर्ज करवाए हैं।
इस बीच, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा की है। एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट शेखर गुप्ता, जनरल सेक्रटरी एके. भट्टाचार्य और ट्रेजरार शीला भट्ट ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक खुला पत्र जारी किया है।
गिल्ड ने बयान जारी कर कहा, ‘इस प्रकार की घटना निंदनीय है। गिल्ड ने कहा सरकार का कदम चौंकाने वाला है।’ गिल्ड ने कहा, ‘सरकार को यह जांच करनी चाहिए कि मिड डे मिल में इस तरह की बात कहां सामने आ रही है। लेकिन सरकार ने इसके बदले एक पत्रकार पर ही मामला दर्ज कर दिया।’
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/F3q4WAlphn
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) September 2, 2019
बता दें कि खंड शिक्षा अधिकारी ने घटना का खुलासा करने वाले स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल और गांव के राजकुमार पाल समेत 3 लोगों के खिलाफ साजिशपूर्वक वीडियो बनाकर वायरल करने और छवि खराब करने का आरोप लगाकर कई धाराओं में शनिवार देर रात मुकदमा दर्ज कराया है।
अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पत्रकार पवन जायसवाल ने एक वीडियो जारी कर खुद बताया कि उसने किस तरह से इस स्टोरी को अंजाम दिया था। पवन ने कहा कि वह तो केवल खबर के लिए स्कूल गए थे जो कि उनकी ड्यूटी थी। जाने से पहले उन्होंने असिस्टेंट बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) ब्रजेश सिंह को फोन करके सूचना भी दी थी।
पत्रकार ने अपने वीडियो में कहा, मिर्जापुर के ब्लॉक जमालपुर में स्थित शिउर प्राथमिक विद्यालय को लेकर हमें कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि यहां छात्रों को मिड-डे मील में नमक रोटी और नमक चावल दिया जा रहा है। इसके बाद हम 22 अगस्त को फोन पर मिली जानकारी के अनुसार वहां गया। जाने से पहले मैंने एबीएसए ब्रजेश कुमार सिंह को मेरे वहां जाने की अग्रिम सूचना भी दी थी। जाने के बाद मैंने 12.07 मिनट पर एक वीडियो शूट किया जिसमें मैंने देखा कि बच्चे नमक-रोटी खा रहे हैं।
पत्रकार ने आगे कहा, वीडियो बनाने के बाद मैंने जिला स्तर पर काम कर रहे पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने डीएम को बताया तो उन्होंने खबर प्रसारित होने से पहले ही मेरी सूचना के आधार पर वहां जाकर जांच की और तुरंत कई लोगों को निलंबित किया। इसके बाद ये मामला हाईप्रोफाइल हो गया। जिला प्रशासन ने अपनी किरकिरी होते देख हमारे ऊपर ही कई आपराधिक मुकदमे दर्ज कर दिए। उसमें एक भी बात हमारी तरफ से नहीं कही गई, मैंने हर चीज की जानकारी दी थी।
बच्चों को मिड-डे मील में नमक-रोटी खिलाओ और जो पत्रकार ये ख़बर दिखाए, उसे ही अपराधी बना दो…!! वाह योगी जी, मान गए ???? @myogiadityanath pic.twitter.com/d6NiumX1ot
— Manak Gupta (@manakgupta) September 2, 2019