कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस हेड दिव्या स्पंदना (राम्या) ने अपने ट्विटर अकाउंट को डिलीट कर दिया है। अकाउंट को डिलीट करने से पहले उन्होंने अपने सभी ट्वीट डिलीट कर दिए और साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया बायो में भी कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी का परिचय भी हटा लिया था। उनका ट्विटर प्रोफाइल पेज खोलने पर अब लिखा हुआ आ रहा है कि यह खाता मौजूद नहीं है। प्रियंका चतुर्वेदी के बाद अब दिव्या के भी कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज हो गई है।
अभिनेत्री से राजनीतिज्ञ बनीं दिव्या देश की नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देने के कुछ दिनों बाद अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट किया है। दिव्या स्पंदना ने नई वित्त मंत्री को बधाई देते हुए लिखा था कि साल 1970 में इंदिरा गांधी के बाद किसी महिला को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। यह हमें गौरवान्वित करता है। जीडीपी बहुत अच्छी नहीं लग रही है। मुझे यकीन है कि आप अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की पूरी कोशिश करेंगे। आपको हमारा समर्थन है। शुभकामनाएं।”
हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं हुआ है कि वह अब भी कांग्रेस सोशल मीडिया टीम का हिस्सा हैं या नहीं। इस बाबत कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है और न ही स्पंदना की तरफ से इस संबंध में कोई बयान जारी किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि स्पंदना अब टीम की हिस्सा नहीं हैं, लेकिन जब एएनआई ने स्पंदना से संपर्क किया तो उन्होंने इस सूचना को खारिज कर दिया और कहा कि ‘आपका सूत्र गलत’ है।
Divya Spandana tweets deleted, has she left Congress social media?
Read @ANI story | https://t.co/ONmJLaMLcG pic.twitter.com/UqjmRbmr6y
— ANI Digital (@ani_digital) June 1, 2019
काफी समय से ऐसी खबरें चल रही हैं कि सोशल मीडिया प्रभारी के पद से दिव्या की छुट्टी हो गई है। उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में अपने बायो से सोशल मीडिया इंचार्ज हटा दिया था। हालांकि, इस्तीफे की खबर वायरल होने के बाद एक फिर उन्होंने अपने बायो को दोबारा अपडेट कर दिया था। बता दें कि स्पंदना को कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया पर बड़ी उपस्थिति दर्ज कराने का श्रेय दिया जाता है।
इससे पहले लोकसभा चुनावों से ठीक पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया था। दिव्या की तरह चतुर्वेदी ने भी पहले अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस प्रवक्ता का परिचय हटाया था और फिर सार्वजनिक तौर पर फैसले का ऐलान किया। लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस ने अपने सभी प्रवक्ताओं के टीवी डिबेट में हिस्सा लेने पर एक महीने के लिए रोक लगा दी है।