उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में भी शेल्टर होम ((मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह) में बिहार के मुजफ्फरपुर जैसा मामला सामने आने के बाद सरकार से लेकर प्रशासनिक अमले तक के होश उड़ गए हैं। मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने देवरिया में नारी संरक्षण गृह में चल रहे सेक्स रैकेट मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (7 अगस्त) को खुद इसकी जानकारी दी।
सीएम योगी ने कहा, ‘देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी गंभीरता को देखते हुए दोपहर में बैठक की थी… बालिकाओं के बयान और अन्य स्थितियों को देखते हुए मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ही इसे सीबीआई को भेजने का निर्णय किया गया है।’ उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने स्तर से एसआईटी का गठन किया है, जो इस पूरे प्रकरण की जांच करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल कल्याण समिति ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया, इसलिए उसे निलंबित करने का फैसला किया जा रहा है। बता दें कि देवरिया स्थित मां विंध्यवासिनी महिला एवं बालिका संरक्षण गृह की मान्यता स्थगित होने के बाद भी संरक्षण गृह को हाईकोर्ट से स्थगनादेश लेकर चलाया जा रहा था। रविवार (5 अगस्त) की रात इस संस्था से सेक्स रैकेट संचालित होने का खुलासा हुआ, जिसके बाद शासन गंभीर हो गया।
लड़कियों के साथ हुआ शारीरिक शोषण
इस बीच महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने यह बात स्वीकार की है कि शेल्टर होम में लड़कियों का शारीरिक शोषण होता था। उच्च स्तरीय जांच कमिटी की रिपोर्ट के बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत में यह बात स्वीकार की है कि शेल्टर होम में लड़कियों के साथ शारीरिक शोषण की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
जोशी ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि देवरिया में लड़कियों के साथ यौन शोषण हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस मसले पर विपक्षी दलों खासकर सपा व बसपा पर जमकर हमला बोला। कहा यह सारे कारनामे इन दोनों पार्टियों की सरकारों के समय के हैं।
मामले में एक और गिरफ्तार
नारी संरक्षण गृह की घिनौनी घटना मामले में पुलिस ने संचालिका गिरिजा त्रिपाठी व उसके पति मोहन त्रिपाठी की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार (7 अगस्त) को बेटी व नारी संरक्षण गृह की अधीक्षक कंचनलता को भी गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस मामले में तत्कालीन जिला प्रोवेशन अधिकारी प्रभात कुमार की तहरीर पर पुलिस ने अधीक्षक कंचनलता, उसकी मां व संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और पिता मोहन त्रिपाठी के खिलाफ मानव तस्करी, देह व्यापार व बालश्रम से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
सोमवार को गिरिजा त्रिपाठी व मोहन त्रिपाठी को पुलिस ने जेल भेज दिया, जबकि फरार अधीक्षक कंचनलता की लोकेशन लखनऊ में मिलने पर दो टीमें लखनऊ पहुंचीं और छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिली। मगर मंगलवार सुबह पुलिस ने अधीक्षक कंचनलता को ढूंढ़ निकाला और गिरफ्तार कर लिया। उसे पुलिस लाइन में रखकर पूछताछ की जा रही है।