देश की राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में सोमवार को एक कैब चालक पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। मृतक कैब चालक की पहचान आफताब आलम के रूप में हुई है जो दिल्ली के त्रिलोकपुरी क्षेत्र का रहने वाला था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) हरीश चंद्र ने बताया कि, “पुलिस के एक गश्ती वाहन ने बादलपुर दादरी बायपास सड़क पर दिल्ली के नंबर वाली एक टैक्सी खड़ी देखी। जांच करने पर चालक की सीट के पास वाली सीट पर एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला। पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के संबंध में बादलपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।”
पुलिस अधिकारी ने बताया कि, “प्राथमिक जांच में पता चला है कि आफताब ने गुड़गांव से एक सवारी को कैब में बैठाया था। वह उसे बुलंदशहर छोड़कर लौट रहा था। वहां से लौटते समय, कुछ अन्य यात्री बिना बुकिंग के दिल्ली के लिए उसकी टैक्सी में सवार हो गए। रास्ते में किसी बात को लेकर सवारी से आफताब का झगड़ा हुई और उन्होंने उसके ऊपर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।”
मृतक के बेटे ने लगाया मॉब लिंचिंग का आरोप
वहीं, दूसरी और आफताब के घरवालों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक के बेटे मोहम्मद साबिर ने कहा कि, “जब उनके पिता बुलंदशहर से वापस आ रहे तो रास्ते में कुछ लोग जबरदस्ती गाड़ी को गेड़ खोलकर उसमें बैठ गए और वो लोग दारु पीने की बात कह रहे है थे और उनसे पूछ रहे थे कि तुम मुस्लमान हो।” मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि, “गाड़ी में बैठे लोग जबरदस्ती मेरे पिता से ‘जय श्री राम’ के नारा लगवा रहे थे और उन्हें दारु पीने के लिए जोर डाल रहे थे।”
बेटे ने दावा किया कि, यह सब बात उन्होंने पिता से फ़ोन कॉल पर हुई बातचीत के दौरान रिकॉर्डिंग कर ली है। मोहम्मद साबिर का आरोप है कि, यह न का केस है और ‘जय श्री राम’ नहीं बोलने पर मेरे पिता की हत्या कर दी गई। बेटे ने आरोप लगाया कि, पुलिस ने केस में मॉब लिंचिंग का कोई जिक्र नहीं किया है।
आफताब के फोन समेत आरोपी लापता
पुलिस ने बताया कि आरोपी फरार हैं और मृतक चालक का मोबाइल भी गायब है। उसे सर्विलांस पर लगाया गया है। पुलिस उनकी पहचान और तलाश करने में लगी है। आफताब के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं, इस ख़बर को लेकर जब ‘जनता का रिपोर्टर’ की टीम ने पुलिस उपायुक्त (मध्य नोएडा) हरीश चंद्र से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे हमारा संपर्क नहीं हो पाया।