दिल्ली घूसखोरी में दूसरे नम्बर पर आई, 1071 शहरों से घूसखोरी के 1.05 लाख से ज्‍यादा मामले रिपोर्ट हुए

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भ्रष्‍टाचार मुक्त दिल्ली के दावे की पोल खुलती हुई नजर आ रही है। भारत के प्रमुख शहरों में दिल्ली के सरकारी बाबूओं की बदौलत दिल्ली अब दूसरे नम्बर पर सबसे अधिक रिश्वत लेने वाले शहरों में दूसरे नम्बर पर आ गया हैं। यह दावा किया गया है IPaidABribe.com नामक एक वेबसाइट के अनुसार।
बेंगलुरु के जनाग्रह द्वारा शुरू की गई इस वेबसाइट पर रिश्‍वत देने वाले लोग शिकायत करते हैं। यह वेबसाइट आम आदमी से देश में उन भ्रष्‍टाचार और घूसखोरी पर रिपोर्ट जुटाता है, जिनकी जानकारी सरकार के एंटी करप्‍शन विभाग को नहीं पहुंचती हैं। यहां पर रिश्वत के मामले के पीड़ित लोग विस्तार से अपनी बात रखते है।
यहां घूसखोरी के अलग-अलग मामलों से जुड़े हुए बयानों में पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन के लिए घूस, जमीन पंजीकरण के लिए घूस, व किसी भी सरकारी दफ्तरों में छोटे-बड़े कामों के लिए घूस एक आम चलन की बात है। वेबसाइट के अनुसार, अगस्‍त 2010 से सितंबर 2016 के बीच देश के 1071 शहरों से घूसखोरी के 1.05 लाख से ज्‍यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें दी गई घूस की रकम 2,800 करोड़ से भी ज्‍यादा है। इन आकड़ो से पीएम मोदी के ना खाउंगा और ना खाने दूंगा के दावे की भी हवा निकल जाती हैं।
IPaidABribe.com वेबसाइट द्वारा जारी की गई लिस्‍ट मुताबिक, बेंगलुरु में रिश्‍वत मांगे जाने के सबसे ज्‍यादा 8390 मामले सामने आए। इसके बाद नई दिल्‍ली का नंबर है, जहां 3238 मामलों में 16,504 लाख रुपए की रिश्‍वत मांगी गई। इसके बाद हैदराबाद, मुंबई, चेन्‍नई, पुणे, अहमदाबाद आदि का नंबर है।
दर्ज रिर्पोट के आधार पर दिल्ली ने दूसरे नम्बर पर अपनी जगह बनाकर दिल्ली सरकार के भ्रष्‍टाचार मुक्त अभियान की सच्चाई को भी सामने रख दिया है। हालांकि दिल्ली सरकार ने समय-समय पर ऐसे करप्ट अधिकारियो को पकड़ा है लेकिन IPaidABribe.com वेबसाइट के अनुसार दिल्ली ने  भ्रष्‍टाचार के ग्राफ में बढ़ोत्तरी की है।
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