26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके बुराड़ी के डीडीए मैदान से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया। बता दें कि, वे नवंबर के अंत से ही यहां डेरा डाले हुए थे।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि बुराड़ी से 30 किसान सिंघु सीमा पर चले गए हैं और 15 अन्य को 26 जनवरी को प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा में संलिप्तता के शक में हिरासत में लिया गया है। बुराड़ी ग्राउंड पहले किसानों को विरोध प्रदर्शन के लिए दिया गया था, लेकिन अधिकांश किसान सिंघु, टीकरी और गाजीपुर सीमा पर इकट्ठा हो गए। इस ग्राउंड में कम ही प्रदर्शनकारी रहे। यह घटनाक्रम इन तीन सीमाओं पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ते तनाव के बाद हुआ है।
गौरतलब है कि, कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन अब नया मोड़ ले रहा है। यूपी प्रशासन की कार्रवाई के बाद कहा जा रहा था कि गाजीपुर में किसान आंदोलन कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन तस्वीर एकदम बदल गई है।
28 जनवरी को किसान नेता और बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक वीडियो ने गाजीपुर बॉर्डर पर नया जनसैलाब खड़ा कर दिया है। राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने भावुक होकर दो टूक कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। यहां देर रात से ही देशभर के किसान जुटने लगे। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस फोर्स को बैरंग वापस लौटना पड़ा।
गौरतलब है कि, गाजीपुर बॉर्डर को गुरुवार को एक तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था। बड़ी तादाद में पुलिस और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान तैनात थे। धारा 144 लगा दी गई। अटकलें थीं कि राकेश टिकैत सरेंडर करने जा रहे हैं या फिर उनकी गिरफ्तारी होने वाली है।