उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हिंदुओं के आराध्य भगवान हनुमान जी को दलित बताए जाने के बाद शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण ने रविवार (2 दिसंबर) को कहा कि हनुमान मंदिरों की कमान दलितों के हाथ में दिया जाना चाहिए। रावण ने एक बयान जारी कर कहा कि दलित समुदाय के लोगों को देशभर के हनुमान मंदिरों की कमान अपने हाथ में लेकर वहां पुजारियों के तौर पर दलितों की नियुक्ति करनी चाहिए।
इस दौरान उन्होंने राजस्थान के अलवर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान जी को लेकर दिए बयान की निंदा की। साथ ही उन्होंने सीएम योगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दलित विरोधी बताया। समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, चंद्रशेखर रावण ने कहा, “राजनीतिक फायदे के लिए बीजेपी गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाकर धार्मिक मुद्दों को उछालती है। अगर वो कहते हैं कि हनुमानजी दलित थे, तो देश के तमाम हनुमान मंदिर दलित समाज को सौंप देना चाहिए।”
गौरतलब है कि राजस्थान के अलवर में को एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं।”
वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार के मानव सांसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने हनुमान जी को आर्य बताकर अलग विवाद खड़ा किया है। जबकि पतंजलि ब्रांड के प्रमुख और योग गुरु बाबा रामदेव ने हनुमान जी को ब्राह्मण बताया है तो पिछले हफ्ते राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने दावा किया था कि हनुमान आदिवासी थे।
इस बयान पर हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सफाई आ चुकी है। उन्होंने कहा कि जिसे धर्म के बारे में जानकारी ना हो, वे उस विषय में बात ना करें। मुख्यमंत्री योगी द्वारा हनुमान जी को दलित और वंचित बताया जाना राजस्थान के कई लोगों को रास नहीं आया है। यहां के एक संगठन सर्व ब्राह्मण समाज ने तो इस मामले में योगी आदित्यनाथ को नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा है।