मुजफ्फरपुर रेप और हत्या मामला: बालिका गृह की बच्चियों को नशा देकर होता था रेप, शरीर पर मिले जले के निशान

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बिहार के मुजफ्फरपुर के एक ‘बालिका गृह’ नाम के नारी निकेतन में मासूम बच्चियों के साथ यौन शोषण और हत्या के आरोपों ने तूफान मचा दिया है। यौन शोषण के मामले की चिकित्सकीय पुष्टि होने के बाद राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है। यह मामला मंगलवार (24 जुलाई) को लोकसभा और सोमवार (23 जुलाई) को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में भी गूंजा। इस मामले में पुलिस ने बालिका सुधार गृह के संचालक बृजेश ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।

प्रतीकात्मक तस्वीर: HT

बता दें कि इस मामले में 44 में से 21 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। साथ ही यहां रहने वाली बच्चियों ने अपने एक साथी की हत्या होने का भी आरोप लगाया है। इस बीच इस मामले में हर रोज नए-नए सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक यहां बच्चियों के साथ लंबे समय से रेप होने का आरोप लगा है। सरकारी सहायता प्राप्त के इस शेल्टर होम का नाम ‘बालिका गृह’ है, जो कि एक एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से चलाया जाता है। इसमें 44 लड़कियां रह रही थीं।

बच्चियों को नशा देकर होता था रेप 

मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के अनुसार, 44 में से 21 लड़कियों की मेडिकल जांच में सामने आया है कि उनके साथ रेप और मारपीट हुई है। कई बच्चियों के शरीर पर जले के निशान हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बच्चियों को नशा देकर रेप किया जाता था और विरोध करने पर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की जाती थी। हालांकि पुलिस ने आखिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। पीड़ित सभी लड़कियां नाबालिग हैं। फिलहाल नारी निकेतन को चलाने वाले एनजीओ को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इस नारी निकेतन को सील करके लड़कियों को दूसरे जिलों के नारी निकेतनों में भेज दिया गया है।

CBI जांच पर विचार करेगी केंद्र सरकार

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद जय प्रकाश नारायण, कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन और मधेपुरा सांसद पप्पू यादव द्वारा लोकसभा में मुजफ्फरपुर मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। लोकसभा में जवाब देते हुए सिंह ने मंगलवार (24 जुलाई) को कहा कि अगर बिहार सरकार अनुशंसा करे तो हम केंद्र मामले की सीबीआई जांच के बारे में विचार करेगी।

ऐसे हुआ खुलासा

मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक टीम ने राज्य के सभी बालिका गृहों का सोशल ऑडिट किया था। टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी, जिसमें यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया। इसके बाद मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। राज्य के समाज कल्याण विभाग ने पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की और 10 लोग गिरफ्तार किए गए थे।

मामले की जांच के बाद कई खुलासे हुए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने सोमवार को कहा कि यहां की 44 लड़कियों की चिकित्सकीय जांच के बाद 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि इस नारी निकेतन में 40 से अधिक लड़कियां हैं और मेडिकल रिपोर्ट बताती हैं कि संभव है कि उनमें से आधे से अधिक के साथ कभी न कभी यौन संबंध बनाए गए हों।

यौन शोषण का विरोध करने पर एक बच्ची की हत्या का आरोप

एक पीड़िता ने आरोप लगाया है कि एक लड़की द्वारा यौन शोषण का विरोध किए जाने पर उसकी हत्या कर दी गई और शव को बालिका गृह परिसर में ही दफना दिया गया। कौर ने बताया कि लड़की की निशानदेही पर बालिक गृह परिसर की खुदाई कराई करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक इस मामले में बालिका गृह की अधीक्षिका इंदू कुमारी सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि लड़कियों के गायब होने के मामले की जांच की जा रही है।

सरकार द्वारा संचालित इस बालिका गृह की देखरेख स्वयंसेवी संस्था ‘सेवा संस्थान संकल्प एवं विकास समिति’ द्वारा की जा रही है। इस मामले को लेकर सोमवार को विधानसभा और विधानसभा परिषद में विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। बाद में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मामले में सरकार किसी भी दोषी को नहीं बख्शने वाली है। पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकांश आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

विपक्ष ने बोला हमला

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सोमवार को कहा कि बिहार के बाल सुधार गृह में महिलाओं के साथ सालों से अत्याचार हो रहा है। सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे लोग भी इस मामले में संलिप्त हैं। सरकार उनको बचाने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार सरकार मुंह दिखाने लायक नहीं है, जिस तरीके की घटना यहां महिलाओं और बच्चियों के साथ हुई है, उससे मानवता शर्मसार हुई है। पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर आरोपियों के बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले के आरोपियों को सरकार संरक्षण दे रही है।

 

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