मध्य प्रदेश से कोरोना टीकाकरण अभियान में बड़ी लापरवाही सामने आई है, राजगढ़ जिले में छह माह पहले मृत एक व्यक्ति के मोबाइल फोन पर उसके परिजन को कोरोना वायरस (कोविड-19) रोधी टीके की दूसरी खुराक लेने के बारे में एक संदेश मिला और इसके लिए एक प्रमाण-पत्र भी प्राप्त हुआ।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के ब्यावरा कस्बे के पुरुषोत्तम शाक्यवार (78) की इस साल मई में मृत्यु हो गई थी जबकि उनके मोबाइल फोन पर उनके परिजन को एक संदेश मिला है कि शाक्यवार ने कोविड-19 रोधी टीके की दूसरी खुराक तीन दिसंबर को ली है। हालांकि, अधिकारियों ने इस गड़बड़ी के लिए कंप्यूटर की त्रुटि का हवाला दिया है।
मृतक के पुत्र फूल सिंह शाक्यवार के अनुसार उन्हें तीन दिसंबर को यह संदेश मिला और मोबाइल फोन पर लिंक के माध्यम से प्रमाण पत्र भी डाउनलोड किया गया। शाक्यवार ने कहा कि उसके पिता ने आठ अप्रैल को टीके की पहली खुराक ली थी और 24 मई को उनकी मौत हो गई। उन्होंने हैरान होते हुए कहा कि ऐसे में उनके पिता तीन दिसंबर को टीके की दूसरी खुराक कैसे ले सकते हैं।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ पी एल भगोरिया ने इस गड़बड़ी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है और वह इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर में किसी गड़बड़ी से ऐसा संदेश गया हो सकता है।
ब्यावरा के प्रखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ शरद साहू ने कहा कि चूंकि बड़े पैमाने पर टीकाकरण किया जा रहा है। इसलिए संभव है कि प्रविष्टि करते समय गलत मोबाइल नंबर दर्ज हो गया हो। यदि ऐसा हुआ है तो इस गलती को सुधारा जाएगा।
इस बीच, ब्यावरा के कांग्रेस विधायक रामचंद्र डांगी ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार टीकाकरण के गलत आंकड़े पेश कर लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सरकार के दावे को उजागर कर रही है। ऐसे सभी मामलों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
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