मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो दिन पुराने कथित भाषण की ऑडियो-वीडियो क्लिप जारी करते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार (10 जून) को आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर गिराई गई थी। उधर, सूबे में फिलहाल सत्तारूढ़ भाजपा ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे “कांग्रेस की कुंठा का परिणाम” बताया है। चौहान के इंदौर में दिए भाषण को लेकर कांग्रेस की जारी ऑडियो-वीडियो क्लिप की प्रामाणिकता की अभी स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी है।

हालांकि, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मौजूदा मुख्यमंत्री चौहान इस भाषण में स्वीकार कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया था कि उन्हें मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिरानी है।” सूबे के पूर्व मंत्री ने कहा, “चौहान की इस स्वीकरोक्ति के बाद कांग्रेस का यह आरोप साबित हो गया है कि कमलनाथ सरकार गिराने के लिए केंद्र ने जान-बूझकर लॉकडाउन की घोषणा देरी से की जिससे पूरे देश में कोरोना वायरस की महामारी फैल गई। लिहाजा इस महामारी के प्रकोप के लिए केंद्र सरकार दोषी है।”
उन्होंने बताया कि चौहान के ऑडियो-वीडियो क्लिप को लेकर कांग्रेस कानून के जानकारों से सलाह-मशविरा कर शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर करने पर भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “एक चुनी हुई सरकार को साजिश के तहत गिराना न केवल संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है, बल्कि यह मतदाताओं के साथ किया गया पाप भी है।”
मीडिया विभाग मप्र कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष श्री अभय दुबे जी पीसीसी कार्यालय के राजीव गाँधी सभागार में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये। (सीधा प्रसारण) https://t.co/GuObNi61xX
— MP Congress (@INCMP) June 10, 2020
प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि आठ जून को चौहान इंदौर के दौरे पर आये थे। इस दौरान उन्होंने जिले की सांवेर विधानसभा सीट के आगामी उपचुनाव को लेकर शहर की रेसीडेंसी कोठी में भाजपा नेताओं को संबोधित किया था। सलूजा के मुताबिक मुख्यमंत्री का विवादास्पद ऑडियो-वीडियो क्लिप उनके इसी भाषण का हिस्सा है।
सच ज़ुबान पर आ गया।
एमपी के मुख्यमंत्री शिवराजजी ख़ुद स्वीकार रहे है कि हमारे केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हमने सिंधिया के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार गिरायी क्योंकि वो चाहता था कि कांग्रेस सरकार गिरे।
कांग्रेस शुरू से ही कहती आयी है कि भाजपा ने साज़िश-षड्यंत्र कर सरकार गिरायी। pic.twitter.com/CUj1H0zETU— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) June 9, 2020
कांग्रेस की जारी क्लिप में चौहान, सिंधिया की सरपरस्ती में तुलसीराम सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के पालाबदल से कमलनाथ सरकार के पतन की ओर इशारा करते हुए कहते सुनाई पड़ रहे हैं, “हम (प्रदेश की) गाड़ी रुकने नहीं देंगे। लेकिन एक सवाल है कि केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि यह सरकार गिरनी चाहिए।” कांग्रेस के मुताबिक, भाजपा नेताओं को संबोधित कर रहे चौहान क्लिप में आगे कहते सुनाई पड़ते हैं, “आप बताओ कि सिंधिया और सिलावट के बिना सरकार गिर सकती थी क्या?…और कोई तरीका ही नहीं था।”
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी वायरल ऑडियो पर हमला किया है। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि ‘बेशर्म मामा’ ने अब तो सबके सामने मान लिया है कि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर सिंधिया और तुलसी जैसे बिकाऊ नेताओं के साथ मिलकर जनता के द्वारा चुनी हुई कमलनाथ सरकार को गिराई। भाजापा की नीति अब सबके सामने आ चुकी है। राजनीति को कलंकित करने वालों का पर्दाफाश हो चुका है।
“बेशर्म मामा” ने अब तो सबके सामने मान लिया कि उन्होंने केंद्र नेतृत्व के कहने पर सिंधिया और तुलसी जैसे बिकाऊ नेताओं के साथ मिलकर जनता के द्वारा चुनी हुई कमलनाथ सरकार गिराई ?
भाजपा की “नीचनीति” सबके सामने आ चुकी है।
राजनीति को कलंकित करने वालों का पर्दाफ़ाश हो चुका है !!!— Sajjan Singh Verma (@sajjanvermaINC) June 10, 2020
उधर, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने इस मामले में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “यह सच्चाई शुरुआत से ही उजागर है कि कमलनाथ सरकार से नाराजगी के कारण कांग्रेस के ही विधायकों के रूठने और टूटने से इस सरकार का पतन हुआ।” अग्रवाल ने कहा, “जब कमलनाथ सरकार गिर गयी, तो भाजपा ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में सूबे की जनता के हित में नयी सरकार बनायी। चौहान हमेशा से इसी आशय की बात करते रहे हैं। लेकिन सत्ता खोने से बुरी तरह कुंठित कांग्रेस मुख्यमंत्री के बयानों को लेकर आये दिन बेवजह के विवाद खड़े करती रहती है।”
गौरतलब है कि, सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी। (इंपुट: भाषा के साथ)