मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के बीच नजदीकी धार्मिक नगरी उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में प्रमुख सियासी पार्टियों के आलाकमान के पहुंचने का सिलसिला जारी है। महाकाल के दरबार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के हाजिरी लगाने के करीब साढ़े तीन महीने बाद उनके कांग्रेसी समकक्ष राहुल गांधी भी आज यानी सोमवार (29 अक्टूबर) को भगवान शिव के इस पवित्र स्वरूप के दर्शन के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल की पूजा-अर्चना की।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राहुल गांधी महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के साथ ही सत्तारूढ़ बीजेपी की मजबूत पकड़ वाले मालवा-निमाड़ अंचल में अपने दो दिवसीय चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत करेंगे। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक वह उज्जैन के साथ ही क्रमशः झाबुआ, इंदौर, धार, खरगोन और महू में भी चुनावी कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। बीजेपी शासित सूबे में पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान राहुल अलग-अलग मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे हैं।
Congress President Rahul Gandhi offers prayers at Mahakaleshwar temple in Ujjain. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/NOxi4C0r9A
— ANI (@ANI) October 29, 2018
इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लगाए गए कुछ पोस्टरों में उन्हें “शिव भक्त” बताया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष के धार्मिक अवतार को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी के उन पर निशाना साधने पर राहुल के दौरे की कमान संभाल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर ने पीटीआई से कहा, “राहुल शिव भक्ति की अपनी विशुद्ध भावना से महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं। क्या भगवान शिव की भक्ति का अधिकार केवल बीजेपी नेताओं को है? शिव सबके हैं।” उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने राहुल के धार्मिक अवतार पर फिर हमला बोला है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर धर्म की राजनीति का झूठा आरोप लगाया जाता रहा है। अब राहुल जवाब दें कि उन्हें चुनावी बेला में क्यों मंदिर-मंदिर घूमना पड़ रहा है? कांग्रेस अध्यक्ष यह भी बताएं कि कई बार मध्यप्रदेश आने के बावजूद वह और उनकी माता सोनिया गांधी महाकाल दर्शन के लिए पहले क्यों नहीं गए?” झा ने कहा, “राहुल चुनावी फायदे के लिए धार्मिक व्यक्ति होने का ढोंग कर रहे हैं। लेकिन जनता उनकी असलियत जानती है।”
जन-जन की आस्था और विश्वास के केंद्र महाकाल की परंपरागत विधि से पूजा-अर्चना कर कांग्रेस अध्यक्ष @RahulGandhi ने भगवान शिव से देश एवं प्रदेश में खुशहाली की कामना की।#MalwaWithCongress pic.twitter.com/07kRkKw8np
— Congress (@INCIndia) October 29, 2018
इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि योजना बनाई गई थी कि राहुल को इंदौर जिले की जानापाव पहाड़ियों में स्थित भगवान परशुराम की जन्मस्थली भी ले जाया जाए। इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सचिव संजय कपूर ने बताया, “कांग्रेस अध्यक्ष के बेहद व्यस्त चुनावी दौरे के कारण इस योजना को अब तक मंजूरी नहीं दी गई है।” राहुल के परशुराम जन्मस्थली जाने की योजना को कांग्रेस की चुनावी सोशल इंजीनियरिंग से भी जोड़कर देखा जा रहा था, क्योंकि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में संशोधनों को लेकर सूबे का अनारक्षित समुदाय आक्रोश का लगातार इजहार कर रहा है।
हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार बताया जाता है। ब्राह्मण समुदाय परशुराम को अपने आदर्श की तरह पूजता है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 14 जुलाई को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन किए थे। इसके बाद उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की “जन आशीर्वाद यात्रा” को इस धार्मिक नगरी में हरी झंडी दिखाई थी। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के देश भर में फैले 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है।