लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी(आप) के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर आंतरिक संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है। बता दें कि ‘आप’ ने दिल्ली की सभी 7 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर चुका है। वहीं, कांग्रेस में अभी तक गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से दिल्ली की अध्यक्ष शीला दीक्षित के नेतृत्व वाला धड़ा ‘आप’ से गठबंधन के खिलाफ है, जबकि कुछ कांग्रेस नेता इसके समर्थन में है।
दिल्ली में कांग्रेस-आप के गठबंधन की खबरों के बीच दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला और उनके सहयोगी तीन वर्किंग प्रेजिडेंट्स (हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव और राजेश लिलोठिया) ने फिर एक बार गठबंधन को गलत बताया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि इससे पार्टी को भविष्य में नुकसान होगा। सभी ने पार्टी को दिल्ली में अकेले लड़ने की सलाह दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह पत्र 14 मार्च को भेजा गया था।
शीला दीक्षित के इनकार के बावजूद दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ‘आप’ से गठबंधन के समर्थन में हैं। वहीं कांग्रेस के कुछ पूर्व अध्यक्षों ने मिलकर राहुल को इस संबंध में पत्र भी लिख दिया है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, ताजदार बाबर, अरविंदर सिंह लवली और सुभाष चोपड़ा ने राहुल को गठबंधन के लिए हामी भरने की सलाह दी थी। जानकारी के मुताबिक, आने वाले कुछ दिनों में राहुल गांधी की ओर से इस पर फैसला लिया जा सकता है।
दूसरा पत्र राहुल के पास पहुंचने के बाद पीसी चाको ने कहा, ‘मुझे जानकारी मिली है कि पार्टी के सीनियर नेता समझते हैं कि इस वक्त बीजेपी को हराना मुख्य जिम्मेदारी है। ज्यादातर नेताओं को लगता है कि इसके लिए आप से गठबंधन होना चाहिए।’ साथ ही पीसी चाको ने कहा कि राहुल गांधी अगले कुछ दिनों में इस पर फैसला लेंगे।
पीसी चाको ने कहा, ‘हमारे अध्यक्ष राहुल गांधी कुछ दिनों में निर्णय लेंगे, कार्यसमिति द्वारा तय की गई हमारी पार्टी की नीति उन दलों के साथ गठबंधन के लिए है, जो भाजपा के विरोध में हैं। मुझे उम्मीद है कि दिल्ली के नेता भी कांग्रेस के इस नीतिगत फैसले का पालन करेंगे।’
PC Chacko, Congress: Our president Rahul Gandhi will take decision in few days time, & the policy of our party as decided by working committee is to go for alliance with the parties who are opposed to BJP. I hope Delhi leaders will also follow this policy decision of the Congress https://t.co/HeOZiG5llf
— ANI (@ANI) March 19, 2019
बता दें कि, पिछले कुछ समय से यह खबर सुर्खियों में बनी हुई है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को हराने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस एक साथ आ सकती है।