आलोक वर्मा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद से हटाए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार (11 जनवरी) को नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज सकते हुए दावा किया कि ‘पिजड़े में बंद तोते को उड़ने नहीं दिया गया क्योंकि वह सत्ता के गलियारे के सारे राज खोल देता।’’
सिब्बल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आलोक वर्मा को हटाया गया। समिति ने सुनिश्चित किया कि पिजड़े में बंद तोता उड़ न सके क्योंकि इसका डर था कि कहीं ये तोता सत्ता के गलियारे के राज नहीं खोल दे।’’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘पिजड़े में बंद तोता अभी बंद ही रहेगा।’’ गौरतलब है कि कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ‘पिजड़े में बंद तोता’ कहा था।
Alok Verma's removal
The Committee ensured the caged parrot did not fly away fearing the parrot might spill the beans by parroting the goings on in the corridors of power
The caged parrot will remain caged
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 11, 2019
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल किए जाने के मात्र दो दिन बाद आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने गरुवार (10 जनवरी) को एक मैराथन बैठक के बाद एक अभूतपूर्व कदम के तहत भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों में सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया।
वहीं, सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाए जाने और तबादला किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को नाराज आलोक वर्मा ने सरकार को इस्तीफा भेज दिया है। वर्मा का तबादला करते हुए उन्हें डीजी, फायर सर्विस सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स बनाया गया था, लेकिन पहले तो उन्होंने डीजी का चार्ज ठुकराते हुए बाद में अपनी सेवा से ही इस्तीफा ही दे दिया।उनके रिटायरमेंट से 21 दिन पहले उन्हें ट्रांसफर कर फायर सेफ्टी विभाग का डीजी बनाया गया था।
इससे पहले, उच्चस्तरीय पैनल की तरफ से सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाए जाने के बाद वर्मा ने दावा किया कि उनका तबादला उनके विरोध में रहने वाले एक व्यक्ति की ओर से लगाए गए झूठे, निराधार और फर्जी आरोपों के आधार पर किया गया। सीबीआई के 55 वर्षों के इतिहास में इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले जांच एजेंसी के वह पहले प्रमुख हैं।