हिंदी समाचार चैनल आजतक के डिबेट शो ‘दंगल’ में लाइव टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने एंकर रोहित सरदाना पर तंज कसते हुए कहा कि, आप लोग बस उसी का कीर्तन करते हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते हैं। इसके साथ ही उन्होंने एंकर पर निशाना साधते हुए कहा कि, जब भक्ति का चश्मा उतारेंगे तभी आप लोगों को बात समझ में आएंगी।
बता दें कि, मंगलवार शाम राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने अपने करीब 12 मिनट के भाषण में कोरोना वारयस महामारी को लेकर बात की। उन्होंने कोरोना पर मौजूदा समय में देश को संभली हुई स्थिति के बारे में बताया। हालांकि, अपने संबोधन को दौरान पीएम मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद पर कोई बात नहीं की। पीएम मोदी के भाषण से पहले आजतक पर डिबेट शो रखा गया था, जिसकी एंकरिंग वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना कर रहे थे।
लाइव टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने रोहित सरदाना से कहा, “प्रधानमंत्री जो बोल रहे हैं बस उसी में कीर्तन करना है। यही बात है और यही बात आप लोग (मीडिया) करते हैं।’ उन्होंने कहा कि मोदी सेना का मनोबल बढ़ाते हैं मगर चीन का नाम तक नहीं लेते हैं। उन्हें इससे क्या परेशानी है? कांग्रेस प्रवक्ता के तंज पर एंकर रोहित सरदाना ने उनसे पूछा कीर्तन कहां से हो गया। पिछले 15 मिनट से खरताल तो आप बजा रहे हैं। मैंने एक सवाल पूछा आप उसी का जवाब नहीं दे पाए। लेकिन आपको कीर्तन सुनाई देने लग गया। पिछले कई मिनट से लगातार आपकी खड़ताल बज रही है।
डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता का इशारा राहुल गांधी के उस ट्वीट पर था जिसमें उन्होंने मोदी संबोधन से कुछ देर पहले पूछा था कि पीएम अपने संदेश में राष्ट्र को वो तारीख भी बताएं जब चीन को भारत की भूमि से बाहर निकाल फेकेंगे। अखिलेश प्रताप सिंह ने बार-बार पूछा कि मोदी चीन का नाम क्यों नहीं लेते हैं। सेना तो अपना काम कर रही है मगर सरकार क्या कर रही है। डिबेट के दौरान सरदाना इसका जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस प्रवक्ता का लिहाज और सम्मान करते हैं, और जवाब देना उन्हें आता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन की शुरुआत में कहा, “कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है।” उन्होंने कहा, “समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।”