नोट अमान्य करने के कदम को एक और ‘जुमला’ करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार (12 नवंबर) को मांग की कि भाजपा अगर काला धन और भ्रष्टाचार को खत्म करने के प्रति गंभीर है तो उसे पंजाब, उत्तरप्रदेश में आगामी चुनावों के अपने खर्च को सार्वजनिक करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने भी भाजपा से कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुए सभी खर्च की जांच के लिए जांच आयोग का गठन करना चाहिए।
उन्होंने लोगों के ‘दुख और असुविधा’ का सामना करने के दौरान देश से प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर भी सवाल खड़े किए। सिब्बल ने इसे ‘बिना उचित योजना के जल्दबाजी में’ किया गया निर्णय करार दिया जिस कारण लोगों को इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘मोदी जी को वादा करना चाहिए कि उत्तरप्रदेश, पंजाब या कहीं भी जहां चुनाव हो रहे हैं वहां भाजपा का खर्च खाता होगा, टेंट, पानी लाने के टैंकर इन सभी का भुगतान चेक से होगा।
कौन किसे चेक दे रहा है इन सब की जानकारी वेबसाइट पर होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘तभी हम समझेंगे कि वह इस बारे में गंभीर हैं और यह चुनावी जुमला नहीं है।’
पहले के समूचे चुनावी खर्च की जांच की मांग करते हुए सिब्बल ने कहा, ‘मैं सुझाव दूंगा कि नरेन्द्र मोदी जी काले धन पर जो भी प्रहार कर रहे हैं उसके संदर्भ में उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले भाजपा द्वारा किए गए खर्च की जांच के लिए आयोग का गठन हो।’
सिब्बल ने कहा कि जनवरी 2014 में संप्रग सरकार ने जब 2005 से पहले के नोटों को अमान्य करने का निर्णय किया था तो तत्कालीन भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने इसे ‘गरीब विरोधी और आम लोगों के साथ मजाक’ करार दिया था।