गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया है। उनके जाने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार अचानक संकट में आ गई है। पर्रिकर की अगुआई में बीजेपी के साथ एकजुट रहे सहयोगी दलों में नए मुख्यमंत्री को लेकर मतभेद उभर आए हैं। राज्य से बीजेपी अपने सहयोगी दलों से बातचीत में लगी हुई हैं। हालांकि, बीजेपी नीत गठबंधन अगले मुख्यमंत्री को लेकर अभी किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाया है। मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में नए मुख्यमंत्री की तलाश जारी है। इस बीच राज्य में बदलते राजनीतिक हालात पर अब कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है।

कांग्रेस पिछले 48 घंटे में सरकार बनाने के लिए दो बार दावा पेश कर चुकी है। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से सोमवार (18 मार्च) को कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल उनके निवास पर जाकर मुलाकात की। कांग्रेस के सभी 14 विधायकों राजभवन जाकर राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की। राजभवन से बाहर आकर नेता विपक्ष और कांग्रेस विधायक चंद्रकांत कावलेकर ने बताया कि हमने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, क्योंकि कांग्रेस सबसे बड़ा दल है। उन्होंने कहा कि मनोहर पर्रिकर के देहांत से हम बहुत दुखी हैं।
Chandrakant Kavlekar, Congress: We met the Governor&staked claim to form government as we are the single largest party in the state. We have 14 MLAs and we should be given the chance to form the government. We have told that we will prove majority. Saddened by demise of Goa CM pic.twitter.com/vuBtmDd74M
— ANI (@ANI) March 18, 2019
#Goa: Congress delegation meets Governor Mridula Sinha in Panaji. pic.twitter.com/pjQhHcwHxx
— ANI (@ANI) March 18, 2019
चंद्रकांत ने बताया कि हमने राज्यपाल से सरकार बनाने का निमंत्रण देने की मांग करते हुए अपना बहुमत साबित करने के लिए कहा है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखकर दावा किया था कि पर्रिकर की सरकार के सहयोगियों ने मनोहर पर्रिकर के नाम पर बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था लेकिन उनके निधन के बाद बीजेपी के पास अब कोई सहयोगी नहीं है।
वहीं, गोवा बीजेपी प्रमुख विनय तेंदुलकर ने दावा किया है कि राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर दोपहर दो बजे तक फैसला हो जाएगा। इसके साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह तीन बजे के बाद होगा। समाचार एजेंसी पीटीआई ने गोवा बीजेपी चीफ विनय तेंडुलकर के हवाले से बताया है कि राज्य में दो बजे तक नए सीएम का चुनाव हो जाएगा और तीन के बाद शपथग्रहण भी हो जाएगा।
पर्रिकर गोवा में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें बीजेपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल थे। विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाली गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि भारतीय जनता पार्टी को। पार्टी का कहना है कि राज्य में बीजेपी को समर्थन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती हैं, क्योंकि उन्हें भगवा पार्टी को समर्थन नहीं दिया था।
देखिए, लाइव अपडेट्स:
- गोवा बीजेपी के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में अभी निर्णय लिया जाना है, लेकिन सोमवार दोपहर दो बजे तक तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री का शपथग्रहण आज दोपहर तीन बजे होगा।
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोवा के मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमोद सावंत, विश्वजीत राणे का नाम सबसे आगे है। तेंदुलकर ने मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत के साथ गडकरी से मुलाकात की।
- राजभवन से बाहर आकर नेता विपक्ष और कांग्रेस विधायक चंद्रकांत कावलेकर ने बताया कि हमने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, क्योंकि कांग्रेस सबसे बड़ा दल है।
- कांग्रेस पिछले 48 घंटे में सरकार बनाने के लिए दो बार दावा पेश कर चुकी है। गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से सोमवार (18 मार्च) को कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल उनके निवास पर जाकर मुलाकात की।
- गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य की राजनीति में उठापटक का दौर जारी है।
सहयोगियों से नहीं बनी बात
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में उनके उत्तराधिकारी के बारे में चर्चा शुरु कर दी है। बीजेपी विधायकों ने विधायक दल की बैठक की जिसमें केंर्दीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल थे। गडकरी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देष पर पणजी पहुंचे हैं। पर्रिकर के निधन के बाद राज्य की सियासी संकट को थामने के लिए बीजेपी नेतृत्व के निर्देश पर आनन फानन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रविवार देर रात गोवा पहुंचे।
इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में दो निर्दलीय विधायक भी मौजूद थे। लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर सहयोगी पार्टियों में सहमति नहीं बन पाई।बैठक से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने कहा, ‘हमने मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि बीजेपी को। अब जब वह नहीं रहे तो विकल्प खुले हुए हैं। हम गोवा में स्थिरता चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि सदन को भंग किया जाए। हम बीजेपी विधायिका दल के फैसले का इंतजार करेंगे और उसके बाद अगला कदम उठाएंगे।’
Vijai Sardesai, Goa Forward Party: We had given support to Manohar Parrikar not BJP. Now that he is not anymore, options are open. We want stability in Goa, we don't want dissolution of house. We'll wait for the decision at the BJP legislature meeting & then take the next step. pic.twitter.com/C9nOHTQkRQ
— ANI (@ANI) March 17, 2019
गडकरी के साथ हुई इस बैठक में गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख और पर्रिकर सरकार में नगर नियोजन एवं कृषि मंत्री विजय सरदेसाई कथित तौर पर अपनी पार्टी के दो विधायकों विनोद पालीकर और जयेश सलगांवकर के साथ आए थे। उनके साथ दो निर्दलीय विधायक रोहन खवंटे और गोविंद गावडे भी मौजूद थे। इनके अलावा एमजीपी के नेता सुधीन धावालीकर और उसके दो विधायकों ने भी केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की है।
गडकरी के साथ बैठक के बाद एमजीपी के सुदीन धावलिकर ने बताया कि वह अपने विधायकों के साथ चर्चा के बाद एक घंटे में फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी की कार्यकारिणी कमिटी की बैठक में जा रहा हूं, मैं उनका प्रस्ताव लूंगा। एक घंटे के बाद हम जान सकेंगे कि उम्मीदवार कौन हैं।’ इससे पहले कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखकर दावा किया था कि पर्रिकर की सरकार के सहयोगियों ने मनोहर पर्रिकर के नाम पर बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन उनके निधन के बाद बीजेपी के पास अब कोई सहयोगी नहीं है।
हालांकि, इससे पहले बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने बताया था कि देर रात केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी राज्य में भगवा पार्टी और गठबंधन सहयोगी दलों के बीच कोई आम सहमति हासिल नहीं कर सके। हालांकि, गडकरी की टिप्पणी नहीं मिल पाई है। लोबो ने कहा कि महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदीन धवलीकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं जिससे बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया है।
दरअसल, गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा है। पर्रिकर के अलावा विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन और कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर व दयानंद सोप्ते के इस्तीफे के बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में 36 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 14 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 12 विधायक हैं। जिसे महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के 3, गोवा फारवर्ड पार्टी के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। बहुमत का आंकड़ा 21 है। कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी अल्पमत में है, इसलिए उसे सरकार में नहीं रहना चाहिए।