सरकार ने 48 घंटे के भीतर भीतर ‘एक बार में 5000 रुपए जमा करने की सीमा’ को लेकर जारी किया गया सर्कुलर वापस ले लिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक दिन बाद ही अपने नियम में फिर से फेरबदल की है। इसमें कहा गया है कि पांच हजार से ऊपर रकम जमा करने पर कोई पूछताछ नहीं होगी। इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली में भी यह बात कही थी।
अमान्य घोषित किए जा चुके 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा करने संबंधी रोज़ाना नई शर्तों को लेकर मोदी सरकार की लगातार आलोचना हो रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी के 43 दिनों में सरकार और आरबीआई ने 126 बार नियमों में बदलाव किया है। इससे पता चलता है कि फैसले को लेकर किसी तरह की रणनीति नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी आम जनता पर क्रूर मजाक के तौर पर है। रोजाना पैसे कमाकर रोजी कमाने वाले मजदूरों की अनदेखी की गई।
सुरजेवाला ने कहा कि आरबीआई में नोट छपे नहीं इसलिए सरकार रोज-रोज नए तुगलकी फरमान लगा रही है ताकि जनता को उसके पैसे से दूर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि मजदूरी करके पेट पालने वाला व्यक्ति बैंक की लाइन में खड़ा होगा तो कमाएगा क्या और घर कैसे चलेगा?