चीन ने बुधवार(24 मई) को कहा कि उसके पास भारतीय वायुसेना के लापता सुखोई लड़ाकू विमान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि इस विमान में दो पायलट सवार थे। साथ ही चीन ने नई दिल्ली से कहा कि वह दो पक्षों के बीच शांति कायम करने के लिए बनी व्यवस्था का पालन करे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग से लापता सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान के बारे में पूछा गया था। साथ ही यह भी पूछा गया था कि क्या चीन लापता विमान को खोजने में भारत की मदद करेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस स्थिति का आपने जिक्र किया है, उसके संबंध में मेरे पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।
लू ने कहा कि ‘दक्षिण तिब्बत (अरुणाचल प्रदेश) में स्थिति पर हम करीब से नजर रख रहे हैं।’ उन्होंने यह उन खबरों के संदर्भ में कहा जिनमें बताया गया था कि विमान लापता होने से पहले उसी क्षेत्र में उड़ान भर रहा था। इसके साथ ही उन्होंने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि ‘सबसे पहले तो चीन, भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र में अपने रुख पर स्पष्ट रूप से कायम है।’
उन्होंने कहा कि ‘हमें उम्मीद है कि भारत दोनों पक्षों के बीच सीमांत क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए बनी व्यवस्थाओं का पालन करेगा।’ चीन की यह बेहद रूखी प्रतिक्रिया दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर बढ़ रहे मतभेदों के बीच आई है। इसमें से एक मुद्दा तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे का भी है। गौरतलब है कि बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत मानता है।भारतीय वायु सेना के लापता लड़ाकू विमान सुखाई-30 एमकेआई की तलाश आज भी जारी रही। गौरतलब है कि असम से मंगलवार को उड़ान भरने वाला यह विमान रडार से गायब हो गया था, इसका रेडियो संपर्क भी टूट गया था। विमान में दो पालयट सवार थे।