NDTV पर छापा मामला: न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय से CBI नाराज, कहा- हमें मत पढ़ाइए प्रेस की आजादी का पाठ

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वरिष्ठ पत्रकार और निजी न्यूज चैनल NDTV के सह-संस्थापक व कार्यकारी सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय के आवास और कार्यालयों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई छापेमारी के बाद प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा आलोचना किए जाने को लेकर सीबीआई ने अखबार को पत्र लिखकर कड़ा एतराज जताया है।

फोटो: THE HINDU

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को लिखे लेटर में कहा है कि आप(न्यूयॉर्क टाइम्स) हमें प्रेस की आजादी पर पाठ मत पढ़ाइए। सीबीआई के प्रवक्ता ने न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय को एक तरफा करार देते हुए अखबार के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।

साथ ही सीबीआई ने अपने पत्र में भारतीय लोकतांत्रिक संस्थाओं के गौरवशाली इतिहास का वर्णन करते हुए लिखा है कि हमारे देश में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का रिवाज पुराना है और अनवरत जारी है। दरअसल, प्रणय रॉय के आवास पर सीबीआई की छापेमारी के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में मोदी सरकार की कड़ी आचोलना की थी।

अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में भारतीय मीडिया में एक नए तरह का डर और खौफ का माहौल है। उसने आगे लिखा था, भारत का स्वतंत्र मीडिया अब पस्त हो चुका है। देश में कई ऐसे लोग हैं जो बैंकों के बड़े-बड़े डिफॉल्टर हैं, लेकिन सीबीआई उनके ठिकानों पर छापा नहीं मारती है। वहीं, एक प्राइवेट बैंक के मामले में एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के आवास पर छापेमारी की गई।

संपादकीय में आगे लिखा गया कि सीबीआई द्वारा किए गए इन छापों ने भारतीय मीडिया के लिए धमकी भरे खतरे की घंटी बजा दी है। अखबार द्वारा लिखे गए इस संपादकीय को लेकर सीबीआई ने कड़ा एतराज जताते हुए टाइम्स को पत्र लिखा है। इस पत्र में संपादकीय की भाषा पर कड़ा ऐतराज जताते हुए सीबीआई के प्रवक्ता न्यूयॉर्क टाइम्स को पत्र लिखते हुए कहा है कि भारत को प्रेस की आजादी टाइम्स ग्रुप से नहीं सीखना है।

क्या है मामला?

बता दें कि सीबीआई ने कथित बैंक जालसाजी को लेकर गत पांच जून को एडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय की संपत्तियों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी ICICI बैंक को कथित तौर पर 48 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के मामले में हुई थी।

हालांकि, CBI की इस छापेमारी को NDTV ने बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया था। NDTV ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पुराने और अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी एवं उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया।

बयान में कहा गया था कि, एनडीटीवी और उसके प्रमोटर विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जा रही इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे। इसमें कहा गया, ‘हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे।’

वैसे एनडीटीवी पर छापेमारी को लेकर सीबीआई की काफी अलोचना हुई थी। कई राजनीतिक दलों, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, भारतीय प्रेस क्लब और ऑल इंडिया न्यूजपेपर्स एडिटर्स कान्फ्रेंस ने सीबीआई के इस कदम की आलोचना की थी।

 

 

 

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