सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में लेनदेन में 12,600 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद देश में सनसनी मची हुई है। हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बैंक घोटाले के बाद किंग ऑफ पेन के नाम से मशहूर उद्योगपति और रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर भी कई बैंकों को 3,695 का चूना लगाने का आरोप है। इस बीच पीएनबी और रोटोमैक के बाद एक और 515 रुपये रूपये के बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार (28 फरवरी) को कंप्यूटर विनिर्माता आरपी इंफो सिस्टम्स और उसके निदेशकों पर बैंकों के गठजोड़ के साथ कथित रूप से 515.15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने बुधवार को इस मामले में कोलकाता में छह स्थानों पर छापेमारी की।
आरोप है कि कंपनी के निदेशकों शिवाजी पंजा, कौस्तुव रे और विनय बाफना तथा उसके उपाध्यक्ष ने केनरा बैंक और नौ अन्य बैंकों के गठजोड़ के साथ 515.15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। सीबीआई ने बुधवार को सभी आरोपियों के आवास और कोलकाता में कंपनी के कारपोरेट कार्यालय पर छापेमारी की। यह पहला मौका नहीं है जबकि कंपनी ने कानून का उल्लंघन किया है।
इससे पहले 2015 में सीबीआई ने कंपनी द्वारा आईडीबीआई बैंक से 180 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। पहले आईडीबीआई बैंक गठजोड़ का प्रमुख बैंक था। गठजोड में शामिल अन्य बैंकों में एसबीआई स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आफ पटियाला, यूनियन बैंक आफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, ओरियंटल बैंक आफ कामर्स, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और फेडरल बैंक शामिल हैं। आरोप है कि कंपनी ने जाली और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्ज लिया।
98 करोड़ रुपये की एक और धोखाधड़ी
आपको बता दें कि पीएनबी और रोटोमैक के अलावा सीबीआई ने हाल ही में देश की सबसे बड़ी चीनी मिलों में से एक उत्तर प्रदेश के हापुड़ की सिंभावली शुगर्स लिमिटेड, उसके अध्यक्ष गुरमीत सिंह मान, उप महाप्रबंधक गुरपाल सिंह और अन्य के खिलाफ करीब 98 करोड़ रुपये की कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी एस सी राव, सीएफओ संजय तापड़िया, कार्यकारी निदेशक गुरसिमरन कौर मान और पांच गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गुरपाल सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के दामाद हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (ओबीसी) ने कहा कि सिंभावली शुगर्स को दिए गए कर्ज की वसूली न हो पाने का गैर-निष्पादित परिसंपत्ति का उसका मामला पहले का है और इस संबंध में जांच एजेंसी सीबीआई को पहली रिपोर्ट सितंबर 2015 में दी गई थी। बैंक ने शेयर बाजारों को बताया कि सीबीआई के पास पहली शिकायत तीन सितंबर 2015 को कराई गई थी और एक संशोधित शिकायत 17 नवम्बर 2017 को की गई। यह मामला प्रक्रियाओं के अनुसार अब दर्ज किया गया है।
सीबीआई ने 97.85 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में सिंभावली शुगर्स, उसके चेयरमैन गुरमीत सिंह मान, उप-प्रबंध निदेशक गुरपाल सिंह तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सिंभावली शुगर्स एक पुराना एनपीए खाता है।निर्धारित प्रक्रिया के तहत इसके बारे में रिजर्व बैंक तथा सीबीआई को शिकायत की गई थी इस अवरुद्ध कर्ज के संबंध में हानि-लाभ के खाते में पूंजी का प्र्याप्त प्रावधान किया जा चुका है और इसके कारण उसके लाभ पर कोई असर नहीं पड़ेगा।