लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच कांग्रेस ने शुक्रवार (22 मार्च) को प्रेस कॉन्फेंस कर बीजेपी के बड़े नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा की एक कथित डायरी का जिक्र करते हुए बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर 1800 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के दिवंगत नेता अनंत कुमार और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बीच हुई बातचीत और डायरी में लिखे 1800 करोड़ के सबूत होने का दावा किया। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फेंस कर आरोप लगाया कि बीएस येदियुरप्पा ने अपने कार्यकाल के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को पैसे दिए।
सुरजेवाला ने कहा कि 14 फरवरी, 2017 को, उनकी पार्टी ने बीएस येदियुरप्पा और स्वर्गीय अनंत कुमार का एक वीडियो जारी किया था। उन्होंने दावा किया कि वीडियो में दोनों ने डायरी रखने और 1,000 करोड़ रुपये प्राप्त करने की बात स्वीकार की थी। सुरजेवाला ने कहा कि डेयरी ने दिखाया कि येदियुरप्पा के पास 2,690 करोड़ रुपये थे, जिसमें से बीजेपी की केंद्रीय टीम को 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें जजों और वकीलों का भी जिक्र है।
कांग्रेस ने इंग्लिश मैगजीन द कारवां की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कथित डायरी के अनुसार येदियुरप्पा कार्यकाल के दौरान 2600 करोड़ रुपये वसूला गया और उसमें से सीधे 1800 करोड़ रुपये बीजेपी के शीर्ष को रिश्वत के तौर पर दे दिया गया। कांग्रेस ने दावा किया कि इस कथित डायरी में जजों को रिश्वत के तौर पर देने के लिए 250 करोड़ का जिक्र है। कांग्रेस ने दावा किया कि 2017 से आयकर विभाग के पास डायरी होने का आरोप भी आरोप है।
मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि येदियुरप्पा ने बीजेपी केंद्रीय समिति को 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काटनी पड़ी, उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को 150 करोड़ रुपये का भुगतान किया। कारवां की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि येदियुरप्पा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को 100 करोड़ रुपये, जबकि लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को 50 करोड़ रुपये दिए, इसके अलावा उन्होंने गडकरी के बेटे की शादी के लिए 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
वेबसाइट के अनुसार, डायरी में यह भी कहा गया है कि येदियुरप्पा ने न्यायाधीशों को कथित तौर पर 250 करोड़ रुपये और अधिवक्ताओं को 50 करोड़ रुपये (मामलों के लिए भुगतान किया गया शुल्क) दिए। मैगजीन के अनुसार, हालांकि इसमें किसी के नाम का जिक्र नहीं है। वेबसाइट ने कहा कि उसने जेटली, गडकरी और अन्य से प्रतिक्रियाएं मांगी थीं, लेकिन उन्होंने टिप्पणी नहीं करने का विकल्प चुना।
सुरजेवाला ने कहा कि हमारा मकसद कीचड़ उछालना नहीं है। हमारा सवाल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी इसकी जांच क्यों नहीं कराते? यह सच है, या झूठ? प्रधानमंत्री सामने आएं और हमें यह बताएं कि बीजेपी के बड़े नेताओं को 1800 रुपये की घूस दी गई थी, या नहीं। कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि तथाकथित डायरी के हर पृष्ठ पर तथाकथित तौर पर येदियुरप्पा के हस्ताक्षर हैं। मोदी सरकार को इस रिश्वत के आरोपों का जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर यह आरोप गलत हैं तो प्रधानमंत्री मोदी को खुद ही जांच की अनुमति देनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर रिश्वत के आरोप है। आज सवाल कानून-संविधान और शुचिता-मर्यादा का है। सुरजेवाला ने कहा कि मैगजीन की रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे की जांच की अनुमति मोदी सरकार ने नहीं दी। अब बीजेपी को बताना चाहिए कि यह डायरी थी या नहीं, थी तो कहां है। 2017 में यह डायरी प्रकाश में आई तो तब से अब तक इसकी जांच क्यों नहीं हुई?