अभिनेत्री तनुश्री दत्ता द्वारा मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद अब अलग-अलग इंडस्ट्री की बाकी हस्तियों ने भी अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। नाना पाटेकर के बाद जहां डायरेक्टर विकास बहल, मशहूर सिंगर कैलाश खेर, अभिनेता रजत कपूर, मॉडल जुल्फी सैयद, अभिनेता आलोक नाथ, ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ (एचटी) के ब्यूरो प्रमुख और राजनीतिक संपादक प्रशांत झा सहित केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और पूर्व वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर पर भी यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।
फाइल फोटो: बीजेपी सांसद उदित राज
इस बीच उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के सांसद और पार्टी के दलित चेहरे के रूप में जाने माने वाले नेता उदित राज ने मीटू कैंपेन के अलग पहलू पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी सांसद का कहना है कि मीटू कैंपेन जरूरी है लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है?
माना जा रहा है कि उदित राज ने केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के ऊपर लगे आरोपों के बचाव में ट्वीट किया है। बता दें कि पूर्व संपादक और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर महिला पत्रकार ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं।
बीजेपी सांसद उदित राज ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा, “#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है। गलत प्रथा की शुरुआत है।”
#MeToकैम्पेन जरूरी है लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है ? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जाँच कैसे हो सकेगा?जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकशान होगा ये सोचने वाली बात है।गलत प्रथा की शुरुआत है।#MeToo
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
वहीं, उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “यह कैसे संभव है कि कोई “लिव इन रिलेशन” में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी ‘रेप’ का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वो व्यक्ति जेल चला जाए। इस तरह की घटना आये दिन किसी न किसी के साथ हो रहा है। क्या ये अब ब्लैकमेलिंग के लिए नही इस्तेमाल हो रहा है? #MeToo”
यह कैसे संभव है कि कोई "लिव इन रिलेशन" में रहने वाली लड़की अपने पार्टनर पर कभी भी 'रेप' का आरोप लगाकर उस व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करा दे, वो व्यक्ति जेल चला जाए। इस तरह की घटना आये दिन किसी न किसी के साथ हो रहा है। क्या ये अब ब्लैकमेलिंग के लिए नही इस्तेमाल हो रहा है ?#MeToo
— Dr. Udit Raj, MP (@Dr_Uditraj) October 9, 2018
बता दें कि पूर्व संपादक और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर महिला पत्रकार ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने आरोप को पूरी मजबूती के साथ पेश किया है और इस सिलसिले में कई ट्वीट्स किए हैं जिनमें उन्होंने न सिर्फ अपना पूरा दर्द बयान किया है, बल्कि यौन शोषण की पूरी कहानी को दोहराई है।
एमजे अकबर पर महिला पत्रकारों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर जब मीडियाकर्मियों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सवाल किया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। पत्रकार स्मिता शर्मा ने एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें पत्रकार सुषमा स्वराज से अकबर पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया मांग रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कुछ भी जवाब देने से इनकार कर दिया।
To my pointed question on if an internal probe will happen on #SexualHarassment allegations against @mjakbar , EAM @SushmaSwaraj refuses to comment. Still waiting for a ministry statement @thetribunechd @MEAIndia #MeToo pic.twitter.com/ZHZ3EJhCPl
— Smita Sharma (@Smita_Sharma) October 9, 2018