मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और आर्थिक फैसलों का खुलकर विरोध करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर बागी तेवर दिखाते हुए बुधवार(10 जनवरी) को दावा किया कि आज की बीजेपी वह बीजेपी नहीं रह गई है जो अटल बिहारी वाजपेयी एवं लाल कृष्ण आडवाणी के जमाने में थी।
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, सिन्हा ने जबलपुर में संवाददाताओं से कहा कि, आज जो बीजेपी है वह अटल जी एवं आडवाणी जी की बीजेपी नहीं है। उन्होंने कहा, अटलजी एवं आडवाणी जी के काम करने का जो तरीका था, जो शैली थी, वह बिलकुल भिन्न थी।
सिन्हा ने कहा कि एक साधारण कार्यकर्ता जबलपुर से जाकर बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आडवाणी से पहले से समय लिए बिना मिल सकता था। लेकिन आज वह व्यवस्था बदल गई है।
सिन्हा ने बताया, मैंने 13 माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा था। वह समय हमें आज तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा, चूंकि समय नहीं मिला, तो मैंने तय किया है कि अब मैं सरकार में बैठे किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करूंगा। बात होगी तो सार्वजनिक तौर पर होगी, बंद कमरे में नहीं होगी।
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने जिन मुद्दों का विरोध किया था, सरकार में आने के बाद उन मुद्दों को स्वीकार कर रही है। सिन्हा ने बताया कि देश में किसानों की कोई पूछ नहीं हो रही है।
मध्य प्रदेश में भी किसानों के हालात ठीक नहीं हैं। किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में शुरू भावांतर योजना एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फसल बीमा योजना को सिन्हा ने झुनझुना करार दिया।