अर्नब गोस्वामी के खिलाफ FIR दर्ज करने के कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश पर बरखा दत्त ने अपने पूर्व सहयोगी पर साधा निशाना

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वरिष्ठ टीवी पत्रकार और अंग्रेजी समाचार चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ के संपादक अर्नब गोस्वामी को दिल्ली की एक अदालत ने बड़ा झटका दिया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को अर्नब गोस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर के निजी ईमेल को हैक करने और दस्तावेजों को चोरी करने के आरोप में पुलिस को यह निर्देश पिछले दिनों दिया था।

‘जनता का रिपोर्टर’ पर यह खबर प्रकाशित होते ही सोशल मीडिया पर देखते ही देखते आग की तरह फैल गई और कोर्ट के इस आदेश के बाद अर्नब गोस्वामी पर उनके आलोचक हमलावर हो गए हैं। इतना ही वरिष्ठ टीवी पत्रकार और गोस्वामी के पूर्व सहयोगियों में से एक बरखा दत्त ने भी ट्वीट कर निशाना साधते हुए कहा है कि वह उनके लिए एक भी आंसू नहीं बहाएंगी।

गोस्वामी के साथ NDTV में काम कर चुकीं वरिष्ठ पत्रकार दत्त ने ट्वीट कर लिखा है कि इस आदमी ने पत्रकारों को नियमित रूप से परेशान किया है और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमे और गिरफ्तारी तक का भी आह्वान किया है। दत्त ने आगे लिखा है कि अपने खतरनाक, सांप्रदायिक और नीच रिपोर्टिंग की वजह से आपराधिक कार्रवाई का सामना करने कर रहे गोस्वामी ने के लिए वह आंसू नहीं बहा सकती हैं।

दरअसल, पटियाला हाउस कोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ ये आदेश थरूर की शिकायत पर दिया है। अदालत के आदेश में कहा गया है कि अर्नब और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। ये शिकायत थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों की चोरी के आरोप से जुड़ी है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने 21 जनवरी को दिए अपने आदेश में संबंधित एसएचओ को एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

अदालत के आदेश में कहा गया है कि मामले की जांच की आवश्यकता है, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि आरोपी व्यक्तियों के पास यह सामग्री कैसे आई। अदालत ने कहा, ‘‘यह कोर्ट देखेगी कि इस मामले में कितने लोगों की जांच की जानी है। इन परिस्थितियों में संबंधित एसएचओ को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और कानून के अनुसार जांच करने का निर्देश देती है।’’ अदालत ने इस मामले में सुनवाई की तिथि चार अप्रैल तय की है।

थरूर ने क्योंकि शिकायत?

थरूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत को बताया था कि मौत के मामले की जांच के दौरान, पुलिस ने मृतका की कई वस्तुओं या सामग्रियों को एकत्र किया था और शिकायतकर्ता और उनके एक सहयोगी नारायण सिंह के बयान दर्ज किए थे। ये सभी दस्तावेज और सामग्री गोपनीय रिकॉर्ड का हिस्सा थे और ये केवल जांच टीम के पास ही थे। साथ ही शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि रिपब्लिक टीवी पर कई प्रसारणों के दौरान समाचार चैनल पर कुछ दस्तावेज दिखाए गए थे, जिन्हें शिकायतकर्ता की पत्नी की मौत की जांच से संबंधित दस्तावेज बताया गया था।

बता दें कि टाइम्स नाउ से इस्तीफा देने के बाद गोस्वामी ने एनडीए के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर और बीजेपी समर्थक मोहनदास की मदद से बड़े ही धमाके के साथ 6 मई 2017 को अपने नए इंग्लिश चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ को लॉन्च किया था, जिसके बाद वह लगातार विवादों में हैं। शशि थरुर ने पिछले साल मई के महिने में दिल्ली हाई कोर्ट में अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। गत वर्ष ही रिपब्लिक के एक पत्रकार ने दावा किया था कि, अर्नब गोस्वामी ने शशि थरूर को परेशान करने का आदेश दिया था। जिसके बाद पत्रकार ने चैनल से इस्तीफा दे दिया था।

 

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