नोटबंदी के बाद एक बार फिर देश के कई राज्यों के बैंकों और ATM मशीनों में कैश का संकट गहरा गया है। कई एटीएम के चक्कर लगाने के बावजूद लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात तक के कई शहरों में एटीएम से नकदी नहीं मिल रही है। बताया जा रहा है कि कई बैंकों की शाखाओं से भी लोगों को निराश लौटना पड़ रहा है।
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बीते कई सप्ताह से जारी कैश की किल्लत से उहापोह की स्थिति पैदा हो गई है। राजधानी दिल्ली में भी कुछ एटीएम में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। कई स्थानों पर तो ऐसा हो रहा है कि मोबाइल पर निकासी का मैसेज तक आ रहा है और पैसे निकल नहीं रहे हैं। लोगों में मची अफरा-तफरी के बीच अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी हरकत में आ गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ राज्यों में पैदा हुई कैश की किल्लत का कारण वहां ‘अचानक कैश की मांग बढ़ना’ बताया है।
नकदी को लेकर आ रही दिक्कतों के संबंध में जेटली ने कहा कि प्रचलन में पर्याप्त मुद्रा है और अस्थायी दिक्कतों को जल्दी ही दूर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि करंसी स्थिति की समीक्षा की गई है। प्रचलन और बैंकों के पास पर्याप्त नकदी हैं। कुछ क्षेत्रों में अचानक आयी दिक्कत को जल्दी ही दूर कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि सरकार ने देश में करंसी के हालात की समीक्षा की है।
Have reviewed the currency situation in the country. Over all there is more than adequate currency in circulation and also available with the Banks. The temporary shortage caused by ‘sudden and unusual increase’ in some areas is being tackled quickly.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) April 17, 2018
इससे पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एस पी शुक्ला ने कहा कि हमारे पास इस समय एक लाख 25 लाख करोड़ की नकदी है। कुछ राज्यों में नकदी की कमी हैं तो कुछ में यह अधिक है। सरकार ने राज्यवार समितियों का गठन किया है और रिजर्व बैंक ने भी एक राज्य से दूसरे राज्य को नकदी हस्तांतिरत करने के लिए समिति गठित की है। यह कार्य तीन दिन में पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि, ‘फिलहाल हमारे पास 1,25,000 करोड़ रुपये की कैश करंसी है। कैश की किल्लत के पीछे एक समस्या है, वो ये कि कुछ राज्यों में कैश की किल्लत है और कुछ राज्यों में ज्यादा कैश है। सरकार ने राज्यों में कमेटियां गठित की हैं और आरबीआई ने भी कमेटी गठित की है, जोकि एक राज्य से दूसरे राज्यों में कैश ट्रांसफर करेगी। इस समस्या से निपटने में कम से कम तीन दिन लगेंगे।’
We've cash currency of Rs1,25,000 cr right now. There is one problem that some states have less currency&others have more.Govt has formed state-wise committee & RBI also formed committee to transfer currency from one state to other. It'll be done in 3 days: SP Shukla, Mos Finance pic.twitter.com/Xm4b4NhMqu
— ANI (@ANI) April 17, 2018
कई राज्यों में हाहाकार
बता दें कि मध्य प्रदेश के एटीएम में भी इस तरह की परेशानी सामने आईं हैं। एएनआई की खबर के मुताबिक भोपाल के लोगों ने एजेंसी से कहा है कि लोग यहां नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं। एटीएम में पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों से राजधानी में इसी तरह की समस्या बनी हुई है। वहीं उत्तर बिहार के ज्यादातर बैंकों में नकदी नहीं होने से शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम व बैंक शाखाओं में रुपये के लिए हाहाकार मचा है।
बिहार के मुजफ्फरपुर के बैंकों के करेंसी चेस्टों से समस्तीपुर, दरभंगा, गोपालगंज, सारण, सीवान, पूर्वी व पशिचमी चंपारण को नकदी दी जाती है। पिछले डेढ़ माह से इन जिलों में कैश की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस कारण यहां भी कैश संकट गहरा गया है। इसके अलावा गुजरात में बैंकों और एटीएम में नकदी की किल्लत के कारण लोगों की मुश्किले थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कुछ दिन पहले उत्तर गुजरात में पैदा हुए इस संकट ने अब लगभग पूरे राज्य में अपना पैर पसार लिया है।
दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में भी इसी तरह की समस्याएं सामने आ रही है। एएनआई के मुताबिक दिल्ली के लोगों का कहना है कि यहां भी नकदी की समस्या आ गई है। ज्यादातर एटीएम से पैसे नहीं निकल रहे। जो नोट निकल रहे हैं उनमें 500 की करेंसी है। लोगों का कहना कि नकदी की वजह से उन्हें कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम, आंध्र, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा कैश निकालने की वजह से कैश की समस्या पैदा हुई है।