लोकसभा चुनाव में करारी हार की समीक्षा के लिए हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की। सीडब्ल्यूसी ने राहुल की यह पेशकश नामंजूर कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए शनिवार को पार्टी की सीडब्ल्यूसी की बैठक में पद से इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन सदस्यों ने इसे ठुकरा दिया और प्रतिकूल परिस्थिति में उनसे नेतृत्व करते रहने का आग्रह किया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक के दौरान लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर नाराज राहुल गांधी ने कुछ सीनियर कांग्रेसी नेताओं को आड़े हाथ लिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ नेताओं ने चुनाव में अपने बेटों को पार्टी से ज्यादा तरजीह दी। चुनावों में हार के कारणों की समीक्षा के लिए बुलाई गई कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में राहुल गांधी काफी गुस्से में थे।
अखबार के मुताबिक, उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर अपने बेटों को टिकट दिलवाने के लिए जोर लगाने का आरोप लगाया। राहुल ने वरिष्ठ नेताओं पर बेहद नाराजगी जताते हुए कि नेताओं ने अपने बेटों के हितों को पार्टी हित से ऊपर रखा। रिपोर्ट के मुताबिक राहुल ने कहा कि कमलनाथ, अशोक गहलोत और पी.चिदंबरम जैसे कांग्रेस नेताओं ने अपने बेटों को पार्टी के हितों से ऊपर रखा है।
अखबार के मुताबिक, राहुल ने ये बातें तब कहीं जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कांग्रेस को मजबूत स्थानीय नेताओं की जरूरत है। राहुल गांधी ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी बहुत खराब प्रदर्शन किया है, जबकि यहां पार्टी की ही सरकारें हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और अशोक गहलोत ने उनकी इच्छा के खिलाफ अपने बेटों को टिकट दिलाने की जिद की। इस संदर्भ में राहुल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम लिया।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव परिणाम में बीजेपी को 303 और एनडीए को 553 सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। वह 52 सीटों पर सिमट गई है। 2014 के चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली पार्टी को इस बार बेहतर की उम्मीद थी, लेकिन उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में चल रही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया, राहुल, प्रिंयका, मनमोहन समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मौजूद थे।