आर्मी की जीप पर बंधा शख्स आया मीडिया के सामने, बताई बोनट पर बांधकर घुमाने की घटना

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श्रीनगर में स्थानीय युवकों द्वारा चुनावी ड्यूटी के दौरान सीआरपीएफ जवानों पर पत्थर फैंकने का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कुछ तस्वीरें और एक वीडियो ट्विटर पर शेयर कश्मीर के युवाओं का एक दूसरा चेहरा दिखाया जिसमें आर्मी के जवानों ने एक कश्मीरी युवक को जीप के बोनट पर बांधा गया है। ये तस्वीर और वीडियो वायरल हो गया था लेकिन अब इस कड़ी में नया मोड़ आ गया है ये कश्मीरी युवक मीडिया के सामने आ गया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी की जीप पर बंधे शख्स के मामले की जांच के आदेश दे दिए है।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार इस 26 वर्षीय युवक का नाम फारुख अहमद डार है जो शाॅल पर कढ़ाई करने वाला कारीगर है। फारुख ने बताया कि वह अपनी 75 वर्षीय मां के साथ अकेला रहता है और बेहद गरीब है। मीडिया से बात करते हुए फारुख ने बताया कि दिखाया गया वीडियो 9 अप्रैल का है, उस दिन आर्मी ने उसको सुबह 11 बजे पकड़ा था और तकरीबन चार घंटे तक 25 किलोमीटर तक घुमाया।

फारुख ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा था जब उसको पकड़ा गया आर्मी के जवानों ने उसे मारा और तकरीबन 9 गांवों में उसकी छाती पर एक सफेद कागज लगाकर घुमाया। साथ ही जीप में बैठे आर्मी वाले चिल्ला रहे थे अब पत्थर फेंक कर दिखाओ।

जिस दिन फारूख को पकड़ा गया उस दिन कश्मीर में चुनाव हो रहे थे, वह वोट डालकर अपने रिश्तेदार के घर जा रहा था जब उसको पकड़ा गया। जिस समय उस जीप पर बांधकर घुमाया जा रहा था तब हर कोई डरा हुआ था किसी ने भी उसके पास आने की हिम्मत नहीं दिखाई।

आगे फारूख ने बताया कि 9 गांवों में इस तरह बांधकर घुमाने के बाद करीब शाम 4 बजे आर्मी कैंप ले जाया गया, जहां उसको चाय पिलाई गई और बाद में गांव के सरपंच के हवाले कर दिया।

जब फारुख से पुछा कि उसने इस बात की शिकायत क्यों नहीं की तो उसने कहा कि हम गरीब लोग है और बेहद डरे हुए। मैंने किसी पर कभी भी पत्थर नहीं फैंके। मेरी मां अस्थमा की मरीज है। हम जांच नहीं कराना चाहते। फारुख ने कहा, ‘गरीब लोग हैं, क्या करेंगे शिकायत।

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