सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शनिवार (17 जून) को कहा कि हालात काबू में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।रावत ने कहा है कि हमें लोगों की ज़िंदगी की परवाह है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि मानवाधिकार का उल्लंघन न हो। हम पत्थरबाज़ी की समस्या से जल्द निपटेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं मानवाधिकार में यक़ीन रखता हूं और हालात के मुताबिक ही सेना कार्रवाई कर रही है, वहां स्थिति पर जल्द नियंत्रण पा लिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साथ ही बिपिन रावत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यों में लोगों के बीच गलत जानकारी पहुंचाई जा रही है और जम्मू-कश्मीर के युवाओं को हथियार उठाने के लिए भड़काया जा रहा है। उनका कहना है कि दक्षिण कश्मीर में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं लेकिन उनका मानना है कि जल्द ही स्थिति को सामान्य बना लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि, हालात को क़ाबू में करने के लिए आवश्यक क़दम उठाए जा रहे हैं।
ख़बरों के अनुसार, साथ ही उन्होंने कहा ”कुछ गलत जानकारिया जेएंडके के लोगों के बीच फैलाई जा रही हैं और शायद इसी वजह से युवा पीढ़ी हथियार उठा रही हो।” सेना प्रमुख बिपिन रावत ने तेलंगाना स्थित एयर फोर्स अकेडमी में गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद यह बात कही है।
बता दें कि, सेना प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया है जब शुक्रवार(16 जून) को कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किये गये हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 6 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। आतंकियों ने ये बड़ा हमला दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के अच्छाबल में किया।
जब पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से वापस शाम सात बजे सुमो में लौट रहे थे तब घात लगाकर बैठे आतंकियों ने पुलिस पेट्रोल टीम पर हमला बोला और अंधाधुंध फायरिंग कर 6 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। गौरतलब है कि, इससे पहले 10 जून को देहरादून में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इंडियन मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड में पहुंचे थे।
इस दौरान जनरल रावत ने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया था। आर्मी चीफ ने इस दौरान पासिंग कैडेट्स को सफलता के गुरुमंत्र दिए। वहीं मीडिया को संबोधित करते हुए कश्मीर में हिंसा के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने कहा था कि, तनावग्रस्त इलाकों में महिला प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए अब जल्द सेना में महिला जवानों की भी भर्ती होगी।