संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक खनन कंपनी में काम करने वाले एक भारतीय को सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी पोस्ट के कारण अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। बता दें कि, यूएई में इससे पहले भी इस्लाम विरोधी पोस्ट के चलते कई भारतीय को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है।
‘गल्फ न्यूज’ के मुताबिक, ब्रजकिशोर गुप्ता को बिना किसी नोटिस के नौकरी से हटा दिया गया। उसने फेसबुक पर अपने पोस्ट में भारतीय मुसलमानों को ‘‘कोरोना वायरस फैलाने वाला’’ और दिल्ली दंगों की तारीफ करते हुए इसे ‘‘दैवीय न्याय’’ बताया था। बिहार के छपरा का निवासी गुप्ता रास अल खामैया शहर में खनन कंपनी स्टीविन रॉक के मुख्यालय में काम करता था। कंपनी के कारोबार विकास और अन्वेषण प्रबंधक जीन फ्रंकोइस मिलान ने बताया, ‘‘घटना में एक कनिष्ठ कर्मचारी शामिल था। मामले की जांच की गई और स्टीविन रॉक से जुड़े इस कर्मचारी को बिना किसी नोटिस के नौकरी से हटा दिया गया।’’
मिलान के हवाले से खबर में कहा गया है, ‘‘हमारी कंपनी यूएई सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए समानता और सौहर्द्र को बढ़ावा देती है। नस्लवाद या भेदभाव की कड़ी भर्त्सना की जाती है। हमने अपने सभी कर्मचारियों को, चाहे वे किसी भी धर्म या मूल के हों, नोटिस भेजकर कहा है कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और ऐसे मामलों में तुरंत बर्खास्तगी की जाएगी।’’
गौरतलब है कि, इस महीने के आरंभ में सोशल मीडिया पर इस्लाम विरोधी पोस्ट के कारण यूएई में तीन भारतीय को नौकरी से या तो बर्खास्त किया गया गया या निलंबित कर दिया गया। इससे पहले 20 अप्रैल को यूएई में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने भारतीय प्रवासियों को इस तरह के व्यवहार के खिलाफ चेताया था।
पिछले महीने, शारजाह में रहने वाले कारोबारी सोहन रॉय को अपनी कविता के जरिए धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने के लिए माफी मांगनी पड़ी थी। मार्च में दुबई में एक रेस्तरां में रसोइये का काम करने वाले त्रिलोक सिंह को नौकरी से हटा दिया गया था। (इंपुट: भाषा के साथ)