नेपाल में नए संविधान के लागु होने के बाद से भारत के साथ उसके आंतरिक रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है ।
भारत की दखलंदाज़ी से खफा होकर नेपाल की सियासत गर्म हो गई है। भारत पर नेपाल ने जरुरी सामानों, जैसे ईंधन और कुकिंग गैस के ऊपर रोक लगाने के कदमों को नेपाल ने गलत बताया है।
नेपाल के इस आरोप पर भारत ने कहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसक तनाव की वज़ह से ट्रक नेपाल के बॉर्डर पर रुके हुएं हैं ।
नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा है कि हमारी आपूर्तिय़ों को रोक कर कैसे दोस्ती निभा रहा है।
दीप उपाध्याय ने साथ ही भारत को चेताया भी कि चीन की तरफ हाथ बढ़ाने को हमें मज़बूर न किया जाए। तेल और गैसोलीन आपूर्ति कम होने से नेपाल ने यातायात आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है और विमानों को देश के बाहर ईंधन भरने के बाद ही नेपाल वापस आने को कहा है।
नेपाली राजदूत ने इस बात पर भी रोष प्रकट किया कि इंडियन ऑयल के साथ रक्सौल के आईओसी डिपो से नेपाल के लिए पेट्रोल, डीजल, घरेलू एलपीजी और विमान ईंधन (एटीएफ) भेजे जाने को लेकर समझौते के बावजूद उसकी आपूर्ति नहीं कर रहें है।
आईओसी ने 275 करोड़ रुपये में तेल पाइपलाइन बिछाने के लिए इस साल नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन (एनओसी) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक साल के कार्यकाल में नेपाल का दो बार दौरा किया है । नेपाल के संविधानिक प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे को लेकर भारत और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र, जैसे बीरगंज, में हिंसक प्रतिक्रिया से भारत पर ख़तरे का डर है।