GST के ब्रांड एंबेसडर पद से अलग होने की सलाह पर अमिताभ बच्चन ने कांग्रेस को दिया जवाब

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कांग्रेस ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने बिग बी को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का प्रचार न करने की नसीहत दी है। निरुपम ने पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार जिस रूप में जीएसटी लागू करने की योजना बना रही है, उससे काफी लोग नाराज हैं।

फोटो: @SrBachchan

उन्होंने कहा कि जीएसटी के प्रारूप को लेकर व्यापारियों में भारी गुस्सा है। जिसे लागू किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन होंगे। ऐसे में अमिताभ बच्चन जीएसटी का प्रचार करना बंद कर दें। बता दें कि बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन को जीएसटी का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है।

निरुपम ने कहा कि, जीएसटी के मौजूदा स्वरुप का विरोध हर जगह हो रहा है, इसमें कई कमियां हैं। इस स्थिति में अमिताभ बच्चन अगर इसके ब्रांड एंबेसडर बने हैं, तो लोगों और व्यापारियों का सारा गुस्सा उनपर ही निकलेगा। जगह-जगह बच्चन साहब का विरोध हो सकता है। इसलिए हम बच्चन जी को सुझाव दे रहें है कि वे सरकार के पाप का हिस्सा न बने।

निरूपम ने बिग बी पर निशाना साधते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मैं अमिताभ बच्चन को सलाह दूंगा कि जीएसटी के ऐसे स्वरूप का ब्रैंड ऐंबैसडर ना बनें। व्यापारियों का संभावित विरोध उनके खिलाफ जा सकता है।’

कांग्रेस की इस सलाह पर अमिताभ बच्चन के ट्वीट कर जवाब दिया है। बच्चन ने निरूपम का बिना नाम लिए ट्विटर पर ही इसका दो टूक जवाब देते हुए कहा कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया और उन्होंने किया। बॉलीवुड के महानायक ने लिखा, ‘मुझे कहा गया और मैंने किया।’

बता दें कि अमिताभ जल्द ही सभी प्रचार माध्यमों पर जीएसटी का प्रचार करते नजर आएंगे। उनके साथ 40 सेकेंड की एक विज्ञापन फिल्म पहले ही शूट कर ली गई है। केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क विभाग ने अमिताभ बच्चन को जीएसटी का ब्रांड एंबेसडर बनाने का ऐलान कर दिया है।

वित्त मंत्रालय ने इस वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट में लिखा है, जीएसटी- एक पहल एकीकृत बाजार बनाने के लिए। बता दें कि इससे पहले बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधू जीएसटी की ब्रांड एंबेसडर थीं। गौरतलब है कि देश में जीएसटी की नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था एक जुलाई से लागू होनी है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को जीएसटी लॉन्च को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि जीएसटी के लिए उस वक्त विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की शुरुआत 30 जून की आधी रात को संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में होगी।

जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोक सभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा उस दौरान मंच पर मौजूद होंगे। बता दें कि जीएसटी परिषद ने 4 टैक्स दरों पर अपनी सहमति जता दी है।

काउंसिल ने दूरसंचार, बीमा, होटल और रेस्तरां सहित विभिन्न सेवाओं के लिए 4 दर स्लैब 5,12,18 और 28 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला किया है। जिसमें स्वास्थ्य और शिक्षा को जीएसटी से बाहर रखा गया है और बहुत सारी सेवाओ को पहले की ही तरह छूट मिलती रहेगी।

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