बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार (9 जून) को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में कांग्रेस की आलोचना करते हुए महात्मा गांधी पर बोलना शुरु कर दिया। कांग्रेस की स्थिति के साथ महात्मा गांधी की सोच को जोड़ते हुए शाह ने कहा कि महात्मा गांधी को कांग्रेस के निराशाजनक भविष्य के बारे में पता था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है जिसके पास एक विचारधारा या सिद्धान्त हो। कांग्रेस का गठन आजादी प्राप्त करने के लिए हुआ था औऱ इसमें सभी विचारधाराओं के लोग शामिल थे, यह बात महात्मा गांधी जानते थे। वह एक चतुर बनिया थे और इस बात का अंदाजा रखते थे कि भविष्य में कांग्रेस का क्या होने वाला है।
इसी कारण से महात्मा गांधी ने कहा था कि आजादी के बाद कांग्रेस को बिखेर देना चाहिए। उन्होंने ये इसलिए कहा था क्योंकि देश चलाने के लिए एक विचारधारा की आवश्यकता होती है और कांग्रेस की तो कोई विचारधारा थी ही नहीं। साथ ही शाह ने कहा कि देश की 1650 राजनीतिक दलों में से केवल बीजेपी और सीपीआई (एम) में आंतरिक लोकतंत्र बचा हुआ है।
उन्होंने कहा कि ये साफ है कि कांग्रेस में अगर सोनिया गांधी अध्यक्ष पद छोड़ती हैं तो राहुल गांधी को वह जगह दी जाएगी लेकिन कोई नहीं जानता कि बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय लगे देश विरोधी नारों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि पार्टी की स्पष्ट सोच है कि जो देश के खिलाफ नारे लगाएगा, वह देश द्रोही कहलाएगा। पार्टी के चरित्र पर शाह ने कहा कि भाजपा शासित राज्य तेजी से विकास कर रहे हैं।
यह कहने की बात नहीं है, आंकड़े उपलब्ध हैं, कोई भी इसका परीक्षण कर सकता है। गौरतलब है कि, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शाह तीन दिन के छत्तीसगढ़ में दौरे पर हैं और वहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में 65 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है।