केंद्र ने देश में टेलीविजन रेटिंग पर दिशा-निर्देश की समीक्षा के लिए बुधवार को एक कमेटी का गठन किया। प्रसार भारती के सीईओ शशि एस वेम्पति चार सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता करेंगे। अगर मौजूदा दिशा-निर्देश में किसी तरह के बदलाव की जरूरत होती है तो कमेटी को ‘मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह रेटिंग सिस्टम’ के लिए सिफारिशें देने को कहा गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई (भाषा) की रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘‘विश्वसनीय और पारदर्शी रेटिंग सिस्टम के लिए व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है। खासकर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की हालिया सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए दिशा-निर्देशों पर गौर किए जाने की जरूरत है। इसलिए देश में टेलीविजन रेटिंग सिस्टम के विभिन्न पहलुओं पर गौर करने के लिए एक कमेटी गठित की जा रही है।’’
कमेटी मौजूदा व्यवस्था का मूल्यांकन करेगी, समय-समय पर ट्राई द्वारा की गई सिफारिशों, इंडस्ट्री के समग्र हालात का अध्ययन करेगी और हितधारकों की जरूरतों का समाधान करते हुए अगर जरूरत हुई तो मौजूदा दिशा-निर्देश में मजबूत, पारदर्शी और जवाबदेह रेटिंग सिस्टम के लिए सिफारिशें करेगी। बता दें कि, टीआरपी को लेकर कथित हेराफेरी पर विवाद के बाद केंद्र ने यह कदम उठाया है।
गौरतलब है कि, मुंबई पुलिस ने हाल में टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) में हेराफेरी के मामले को उजागर करने का दावा किया था और इस मामले में समाचार चैनल के कर्मचारियों समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। विवाद बढ़ने पर टीआरपी आंकड़ा मुहैया कराने वाली ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) ने विभिन्न भाषाओं के न्यूज चैनलों की साप्ताहिक रेंटिंग पर अस्थायी रोक लगाने की घोषणा की थी।
यह कथित फर्जी टीआरपी घोटाला तब सामने आया जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई कि कुछ चैनल विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने के लिए टीआरपी अंक के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। आरोपी है कि दर्शक संबंधी आंकड़े के संग्रहण के लिए जिन परिवारों में मीटर लगाये गये थे और उनमें से कुछ को कुछ खास चैनल देखने के लिए रिश्वत दी जाती थी।