जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में सोमवार(10 जुलाई) को पाक परस्त आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमला कर दिया। इसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 32 अन्य घायल हो गए हैं। मरने वालों में छह महिलाएं शामिल हैं। हमला रात करीब 8:20 बजे हुआ। घायलों में से कई की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें अनंतनाग और श्रीनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने सात यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक दो हमलावर बाइक पर आए थे। आतंकवादियों ने पहले पुलिस की बख्तरबंद गाड़ी पर हमला किया। जब पुलिस ने जवाबी गोलीबारी की तो आतंकवादी अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए फरार हो गए। अमरनाथ यात्रियों से भरी एक बस सोनमर्ग से आ रही थी।
श्रद्धालु अमरनाथ गुफा के दर्शन करके वापस लौट रहे थे। इसी दौरान आतंकियों ने बस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। हमले के बाद एहतियात के तौर पर जम्मू-श्रीनगर हाईवे को बंद कर दिया गया है। मरने वाले सभी श्रद्धालु गुजरात के रहने वाले हैं।
पुलिस ने दावा किया कि बस चालक ने तीर्थयात्र के नियमों का उल्लंघन किया, क्योंकि रात सात बजे के बाद किसी यात्र वाहन को राजमार्ग पर चलने की अनुमति नहीं होती। पुलिस का कहना है कि आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ यात्री नहीं थे। हमला सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर किया गया। लेकिन बस के साथ कोई सुरक्षा काफिला नहीं था।
सात अगस्त तक चलेगी यात्रा
इस बार अमरनाथ यात्र 29 जून को आरंभ हुई थी और 7 अगस्त तक चलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीर्थयात्र के शांतिपूर्ण संचालन के लिए राज्य सरकार की मदद हेतु 40,000 अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की है। सुरक्षाबल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा, ड्रोन, बुलेटप्रूफ मोबाइल बंकर सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
25 जून को जारी हुआ था अलर्ट
बाबा बर्फानी के दर्शन की करीब एक माह चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हुई है तो 7 अगस्त को रक्षाबंधन तक चलेगी। इसके लिए जम्मू-कश्मीर में समूचे यात्रा मार्ग पर भारी सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। इसके बावजूद आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब हो गए। बताया गया है कि खुफिया एजेंसियों ने 25 जून को ही श्रद्धालुओं पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी कर दिया था।
अमरनाथ यात्रियों पर कई बार हो चुके हैं हमले
- सन 1993: हरकतुल अंसार आतंकी संगठन ने अमरनाथ यात्रियों पर हमले किए थे। इस दौरान दो हमलों में तीन लोग मारे गए थे।
- सन 1994: एक बार फिर से हरकतुल अंसार ने यात्रियों पर हमला किया। इसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
- सन 1995: हरकतुल अंसार ने तीन बार हमले किए लेकिन किसी की जान नहीं गई।
- सन 1996: आतंकियों ने कई हमले किए लेकिन वे यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाए थे।
- 1 अगस्त 2000: आतंकियों ने पहलगाम में बेस कैंप पर हमला किया। जिसमें अमरनाथ श्रद्धालु और स्थानीय लोग समेत 30 लोग मारे गए थे।
- 23 जुलाई 2001: अमरनाथ यात्रियों के शिविर पर हमले में 13 श्रद्धालु और पुलिसकर्मी मारे गए।
- 30 जुलाई 2002: दो अमरनाथ यात्री ग्रेनेड हमले में मारे गए।
- 6 अगस्त 2002: पहलगाम के लिद्दर में एक शिविर पर लश्कर के आंतकी हमले में 10 श्रद्धालु मारे गए।
- 29, जुलाई 2015: अनंतनाग में यात्र मार्ग पर ग्रेनेड फटा, कई यात्री घायल हो गए।