‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस राफेल डील पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा उठाए गए सवाल के बाद सरकार और विपक्ष के बीच सौदे को लेकर घमासान जारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस सौदे को गोपनीयता का हवाला देकर सार्वजनिक करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसमें घोटाले का आरोप लगा रही है।
राफेल डील पर मचे घमासान के बीच विपक्ष जहां मोदी सरकार को घेर रही है, वहीं वायुसेना ने इस डील का समर्थन कर दिया है। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने इन विमानों को जरूरी बताते हुए इसे देश की हवाई सीमाओं के लिए अहम बताया है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि किसी भी देश को उस तरह के गंभीर खतरे का सामना नहीं करना पड़ रहा जैसा भारत कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोसी निष्क्रिय नहीं बैठे हैं। चीन अपनी वायुसेना का आधुनिकीकरण कर रहा है। हमारे प्रतिद्वंद्वियों का इरादा रातों रात बदल सकता है। ऐसे में हमें अपने प्रतिद्वंद्वियों के स्तर का बल तैयार करने की जरूरत है। धनोआ ने कहा कि सरकार भारतीय वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए राफेल विमान और एस-400 मिसाइल खरीद रही है। वायुसेना प्रमुख ने राफेल विमान के केवल दो बेड़ों की खरीद को उचित ठहराते हुए कहा कि इस तरह की खरीद के उदाहरण पहले भी रहे हैं।
पूर्व मंत्रियों ने पीएम मोदी पर बोला था हमला
बता दें कि राफेल डील पर विपक्ष के हमले के बीच मंगलवार (11 सितंबर) बीजेपी के पूर्व मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने सौदे को एकतरफा अंतिम रूप देकर, रक्षा खरीद के सभी नियमों को ताक पर रखकर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है।’ राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी दोनों ने कहा कि सरकार ने देश के सबसे बड़े रक्षा घोटाले में मोदी की संलिप्तता को बचाने के लिए झूठ का पुलिंदा बुना है।
शौरी ने कहा, “उन्होंने जो भी स्पष्टीकरण दिया, उसने सरकार को झूठ के जाल में फंसाने का काम किया है।” उन्होंने कहा कि मोदी को संप्रग सरकार के सौदे को पलटने का कोई अधिकार नहीं था, जो कि संबंधित लोगों द्वारा किया गया मुश्किल काम था और यह सात-आठ वर्षो की मेहनत का परिणाम था। बता दें कि इससे पहले भी शौरी और सिन्हा लगातार राफेल डील का मुद्दे पर सरकार को घेरते रहे हैं। यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत भूषण भी शामिल थे।
बता दें कि ‘जनता का रिपोर्टर’ ने राफेल विमान सौदे को लेकर दो भागों (पढ़िए पार्टी 1 और पार्टी 2 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में भुचाल आ गया। कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर सीधे तौर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘जनता का रिपोर्टर’ की खबर को शेयर कर कई बार मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं।