गुजरात चुनाव से पहले सूरत में दो संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान छिड़ गया है। बीजेपी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अहमद पटेल पर कई संगीन आरोप लगाते हुए राज्यसभा से इस्तीफे की मांग की।
शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, भरुच के जिस अस्पताल से बुधवार को अरेस्ट किए गए IS के संदिग्ध आतंकी जुड़े हैं, अहमद पटेल उस अस्पताल के ट्रस्टी रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मांग की है कि वो अहमद पटेल से इस्तीफा लें।
विजय रुपाणी के द्वारा अहमद पटेल पर लगाए गए आरोप के बाद कांग्रेस पार्टी ने तुरंत इसका जवाव देते हुए इसे बेबुनियाद करार दिया। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सीएम अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए इस तरह के आरोप लगे रहे हैं।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अहमद पटेल ने अस्पताल से साल 2014 में इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद वो किसी भी तरह अस्पताल से नहीं जुड़े रहे हैं। ऐसे में अगर कोई शख़्स किसी आरोप में पकड़ा जाता है, तो साल 2014 के अस्पताल के ट्रस्टी को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर खुद अहमद पटेल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बीजेपी से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति न करने को कहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी के सभी आरोप बेबुनियाद है। ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है इसलिए चुनाव को दिमाग में रखकर इस पर राजनीति न करे। साथ ही उन्होंने कहा है कि आतंकियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बता दें कि, अहमदाबाद के खाडिया इलाके में बम विस्फोट की योजना बनाने वाले दो आतंकियों को गुजरात एटीएस ने बुधवार को पकड़ा था। ख़बरों के मुताबिक, कासिम टिम्बरवाला ओर उबेद मिर्ज़ा दोनों आतंकी खाडिय़ा में धार्मिक स्थल को निशाना बनाने वाले थे।
इसमे से एक संदिग्ध आतंकी अंकलेश्वर के एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के रूप में काम करता था, जबकि ओबेद मिर्जा सूरत में वकील के रूप में प्रेक्टिस कर रहा था।