मध्य प्रदेश में किसानों की हत्या के बीच मोदी के कृषि मंत्री का ‘शर्मनाक’ योगासन

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बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश सरकार से नाराज किसानों का आंदोलन जारी है। मध्य प्रदेश में तो फसलों के वाजिब दाम सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया है। मंदसौर में मंगलवार(6 जून) को पुलिस फायरिंग में गोली लगने से पांच किसानों समेत छह लोगों की मौत हो गई। लेकिन इस पर अब तक देश के कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री का कोई बयान नहीं आया है।इस बीच हैरानी की बात यह है कि एक तरफ किसानों पर गोलियां चल रही है, वहीं दूसरी तरफ हमारे केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह योग करने में व्यस्त हैं। सिंह ने योगगुरु बाबा रामदेव के तीन दिवसीय योग शिविर का पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में गुरुवार(8 जून) को उद्घाटन किया।

चंपारण सत्याग्रह शताब्दी स्मृति वर्ष के अवसर पर आयोजित इस शिविर का मोतिहारी के गांधी मैदान में उद्घाटन करते हुए राधामोहन ने योग का देश और दुनिया में प्रसार करने के बाबा रामदेव के प्रयास की सराहना की और कहा कि पीएम मोदी के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र के 193 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) पर योग अभ्यास किया।

इससे पहले कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार(7 जून) को दिल्ली में अपने कार्यक्रमों और गतिविधियों की तस्वीरें ट्विटर पर लगाते रहे, लेकिन मंदसौर घटना पर उन्होंने एक भी ट्वीट करने की जहमत नहीं उठाई। इतना ही नहीं को कृषि मंत्री ने ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ कार्यक्रम के ‘सफल समापन’ पर कैबिनेट ब्रीफिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन किसान आंदोलन पर पत्रकारों के सवालों के डर से स्थगित कर दिया गया।

लेकिन किसानों के आंदोलन को लेकर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उनका जवाब था यहां योग आंदोलन चल रहा है। कृषि मंत्री के इस प्रतिक्रिया पर सोशल मीडिया पर लोग काफी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। एक यूजर्स ने लिखा, ‘किसानों पर गोलियां चल रही हैं और कृषि मंत्री योग कर रहे हैं। कोई अनुताप नहीं, कोई ग्लानि नहीं। इस देश के नेता कमाल हैं’।आपको बता दें कि हेडलाइन में हमने ‘शर्मनाक’ शब्द का इस्तेमाल एक न्यूज चैनल द्वारा किए जाने के बाद किया है।

कई जिलों में फैली मंदसौर हिंसा की आग

मंदसौर हिंसा की आग अब कई अन्य जिलों में फैलती जा रही है। मंदसौर और दूसरे कई जिलों में किसानों का आंदोलन उग्र होने की वजह से हिंसक घटनाएं बढ़ रही हैं। बुधवार को गुस्साएं प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर, देवास, नीमच, धार और इंदौर सहित कई हिस्सों में लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव किया। साथ ही गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने मंदसौर में एक टोल प्लाजा में तोड़फोड़ की और वहां रखे 8-10 रुपये लूट लिए।

शिवराज सरकार का ‘यू-टर्न’

वहीं, गुरुवार(8 जून) को मध्य प्रदेश सरकार ने आखिरकार मान लिया कि मंदसौर में भड़के किसान आंदोलन में पांच लोगों की मौत पुलिस की गोली से ही हुई थी। राज्य के गृहमंत्री ने स्वीकारा कि किसानों पर पुलिस ने ही गोली चलाई थी।
गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पांच किसानों की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई है। जांच में इसकी पुष्टि हुई है।

बता दें कि इससे पहले इससे पहले पिछले दो दिनों से प्रदेश सरकार पुलिस फायरिंग से इनकार कर रही थी। भूपेंद्र सिंह समते राज्य सरकार के सभी अधिकारी अब तक यही कह रहे थे कि गोली अराजक तत्वों द्वारा चलाई गई थी। किसान लगातार इस दावे को खारिज कर रहे थे।

हिरासत में लिए गए राहुल गांधी

वहीं, मंदसौर जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को गुरुवार(8 जून) को उनके समर्थकों सहित मध्यप्रदेश में प्रवेश करने के दौरान हिरासत में ले लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा राजस्थान कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट और मध्यप्रदेश के विधायक जयवर्धन सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। जिसके बाद राहुल को एक सीमेंट कंपनी के गेस्टहाउस ले जाया गया है।DM-SP का ट्रांसफर, मंदसौर में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद

वहीं, हरकत में आई सरकार अब हालात काबू में ना होता देख मंदसौर के जिलाधिकारी और एसपी का ट्रांसफर कर दी है।अब ओपी श्रीवास्तव नए कलक्टर, जबकि मनोज सिंह एसपी होंगे। उग्र प्रदर्शन को देखते हुए मंदसौर के साथ-साथ कई अन्य जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी। मंदसौर जिले में धारा 144 लगाई गई है।
मंदसौर जिला कलेक्टर ने बताया कि हालात बेकाबू देख मंदसौर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं अफवाहों को रोकने के लिए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई है। साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

1 जून आंदोलन कर रहे हैं किसान

बता दें कि मध्यप्रदेश में किसानों ने गुरुवार(1 जून) को शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्ज माफी और अपनी फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल अभी भी जारी है। किसानों ने पश्चिमी मध्य प्रदेश में अपनी तरह के पहले आंदोलन की शुरूआत करते हुए अनाज, दूध और फल-सब्जियों की आपूर्ति रोक दी है। सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुआ किसानों का आंदोलन 10 दिन तक चलेगा।

किसानों की प्रमुख मांगे

  • स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं।
  • किसानों को फसलों का उचित दाम मिले और समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए।
  • आलू, प्याज सहित सभी प्रकार की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।
  • आलू, प्याज की कीमत 1500 रुपये प्रति क्वंटल हो।
  • बिजली की बढ़ी हुई दरें सरकार जल्द से जल्द वापस लें।
  • आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं।
  • मंडी शुल्क वापस लिया जाए।
  • फसलीय कृषि कर्ज की सीमा 10 लाख रुपए की जाए।
  • वसूली की समय-सीमा नवंबर और मई की जाए।
  • किसानों की कर्ज माफी हो।
  • मध्यप्रदेश में दूध उत्पादक किसानों को 52 रुपये प्रति लीटर दूध का भाव तय हो।
पढ़ें, कैसे लोगों ने कृषि मंत्री पर उठाए सवाल

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