गुलजार की बेटी मेघना गुलजार का सच आया सामने, धारायशी हो गई CBI की आरुषि हत्याकांड पर बनाई कहानी

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इलाहाबाद हाई कोर्ट नोएडा की बहुचर्चित आरुषि एवं हेमराज हत्याकांड के मामले में सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ राजेश तलवार और नुपुर तलवार की अपील पर गुरुवार(12 अक्टूबर) को अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने तलवार दंपती को बड़ी राहत देते हुए इस केस से बरी कर दिया है।

इस सारे मुददे पर गुलजार की बेटी मेघना गुलजार ने विशाल भारद्वाज के साथ मिलकर एक फिल्म तलवार के नाम से बनाई थी। इस फिल्म को मेघना ने किसी अंत पर नहीं पहंुचाया था केवल फेक्ट सामने रखते हुए अपनी बात कही थी और सच के अलग-अलग रूप दिखाने का प्रयास किया था। उन्होंने जनता के लिए इसका अंत छोड़ दिया था कि वो क्या फैसला करती है।

फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि इश केस में की गई जांच में काफी खामियां जिससे तलवार दंपत्ति को दोषी नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आरुषि के माता-पिता अपनी बेटी के हत्यारे नहीं हैं। कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को तुरंत छोड़ने के आदेश दिए।

इरफान खान ने फिल्म ‘तलवार’ में एक CBI अफसर के तौर पर जो भूमिका निभाई थी वो ऐतिहासिक थी। इस फिल्म को इसके पटकथा लेकन और संपादन के लिए बहुत तारीफें मिली थी। मेघना ने अपनी भरपूर काबलियत का परिचय इस फिल्म में इस प्रकार की उलझी हुई कहानी को दिखा कर दिया था।

आपको बता दे कि गाजियाबाद स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को राजेश और नुपुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इससे एक दिन पहले इनको दोषी ठहराया गया था। आरुषि इनकी बेटी थी। राजेश और नुपुर फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं।

जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस एके मिश्रा की खंडपीठ ने तलवार दंपति की अपील पर सात सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाने की तारीख 12 अक्टूबर को तय की थी। बता दें कि मई, 2008 में नोएडा के सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार इलाके में 14 साल की आरुषि का शव उसके मकान में बरामद हुआ था।

शुरुआत में शक की सुई हेमराज की ओर गई, लेकिन दो दिन बाद मकान की छत से उसका भी शव बरामद किया गया।इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। उत्तर प्रदेश की तत्काल मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

इस मामले में की खबर के अनुसार जो आंकड़े दिए गए वो निम्न प्रकार से है।

2008 

  • 16 मई  : 14 साल की आरुषि बेडरूम में मृत मिली
  • हत्या का शक घरेलू नौकर हेमराज पर गया
  • 17 मई : हेमराज का शव घर के टैरेस पर मिला
  • 23 मई : दोहरी हत्या के आरोप में डॉ राजेश तलवार गिरफ़्तार
  • 1 जून : सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली
  • 13 जून  :  डॉ तलवार का कंपाउंडर कृष्णा  गिरफ़्तार
  • बाद में राजकुमार और विजय मंडल भी गिरफ्तार
  • तीनों को दोहरे हत्या का आरोपी बनाया गया
  • 12 जुलाई : राजेश तलवार डासना जेल से ज़मानत पर रिहा
  • 10 सितंबर, 2009-
  • मामले की जांच के लिए नई सीबीआई टीम
  • 12 सितंबर : कृष्णा,राजकुमार और मंडल को ज़मानत,
  • सीबीआई 90 दिन में नहीं दे पाई चार्जशीट

29 दिसंबर, 2010

  • सबूतों के अभाव में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट
  • रिपोर्ट में तलवार दंपत्ति आरोपी नहीं थे
  • परिस्थितिजन्य सबूतों से क़ातिल होने का इशारा

25 जनवरी, 2011

  • क्लोजर रिपोर्ट के ख़िलाफ राजेश तलवार का प्रोटेस्ट पिटीशन
  • कोर्ट ने भी क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार नहीं किया
  • लेकिन रिपोर्ट के आधार पर आरोप तय किए
  • तलवार दंपत्ति को सुप्रीम कोर्ट तक भी राहत नहीं

2012 

  • 11 जून :  सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू

2013 

  • 10 अक्टूबर: आखिरी बहस शुरू
  • 25 नवंबर :  विशेष अदालत ने तलवार दंपत्ति को दोषी करार देते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई

2014 

  • जनवरी : निचली अदालत के फ़ैसले को  इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती

2017 

  • 8 सितंबर : इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अपील पर फैसला सुरक्षित रखा
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