लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मंगलवार (21 मई) को नई दिल्ली के अशोका होटल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित NDA की डिनर बैठक में 36 घटक दलों के नेता शामिल हुए। एनडीए की मीटिंग और डिनर डिप्लोमेसी के बाद एक प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताया गया और उनकी प्रशंसा भी की गई।
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजनाथ सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में तीन सहयोगी दलों के नेता नहीं आ सके, लेकिन उन्होंने लिखित में अपना समर्थन दिया है। भोज कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि एनडीए की बैठक और डिप्लोमेसी के बाद एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न केवल अपना नेता चुनने की बात कही गई बल्कि उनके नेतृत्व की तारीफ में कसीदे भी पढ़े गए। यहां मौजूद सभी पार्टियों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर अपना विश्वास जताया।
इस डिनर में 36 दलों के शामिल होने पर कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए पूछा कि, ‘अगर विपक्षी एकता महामिलावट है तो ये 36 दलों का गठबंधन क्या है?’
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा, “कल बीजेपी ने 36 सहयोगी दलों के नेताओं को बुलाया। सबको भरपेट खाना खिलाया। फिर सबसे हाथ उठवाया और बुलवाया, मोदी होंगे उनके प्रधानमंत्री। पहली बात, अगर विपक्षी एकता महामिलावट है तो ये 36 दलों का गठबंधन क्या है? दूसरी बात, एग्जिट पोल पर इतना भरोसा? तीसरी बात, इस डिनर का लक्ष्य संघ था?”
कल बीजेपी ने 36 सहयोगी दलों के नेताओं को बुलाया।
सबको भरपेट खाना खिलाया।
फिर सबसे हाथ उठवाया और बुलवाया,मोदी होंगे उनके प्रधानमंत्री।
पहली बात,अगर विपक्षी एकता महामिलावट है तो ये 36 दलों का गठबंधन क्या है?
दूसरी बात,एग्जिट पोल पर इतना भरोसा?
तीसरी बात,इस डिनर का लक्ष्य संघ था ?— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) May 22, 2019
बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान पीएम मोदी व बीजेपी के तमाम नेताओं ने विपक्षी दलों के गठबंधन को महामिलावट बताते रहें है।