सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को इंटरनेट पर भारत विरोधी प्रचार और फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में कश्मीर से संबंधित दो वेबसाइटों और 20 यूट्यूब चैनलों को बंद करने का आदेश दिया।
हिन्दुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक, यह पहली बार है जब मंत्रालय ने इस साल 25 फरवरी को अधिसूचित सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमों के तहत ऐसे निर्देश जारी किए हैं, जो सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 (ए) के तहत समाचार सामग्री तक पहुंच को अवरुद्ध करने का अधिकार देते हैं।
I&B सचिव अपूर्व चंद्रा द्वारा जारी दो अलग-अलग आदेशों में, YouTube और दूरसंचार विभाग को राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की अखंडता के आधार पर सामग्री तक पहुंच प्रतिबंधित करने के लिए कहा गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, दो वेबसाइटों, कश्मीर ग्लोबल और कश्मीर वॉच को पूरी तरह से ब्लॉक करने का आदेश दिया गया है। वहीं, 20 यूट्यूब चैनलों में द पंच लाइन, इंटरनेशनल वेब न्यूज, खालसा टीवी, द नेकेड ट्रुथ, न्यूज 24, 48 न्यूज, फिक्शनल, हिस्टोरिकल फैक्ट्स, पंजाब वायरल, नया पाकिस्तान ग्लोबल और कवर स्टोरी शामिल हैं।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, “भारत सरकार ने कहा कि, चैनल और वेबसाइट पाकिस्तान से संचालित एक समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क से संबंधित हैं और भारत से संबंधित विभिन्न संवेदनशील विषयों के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे हैं। चैनलों का उपयोग कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, राम मंदिर, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, आदि जैसे विषयों पर समन्वित तरीके से विभाजनकारी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया गया था।”
सरकार ने आगे कहा कि, “इन यूट्यूब चैनलों ने किसानों के विरोध CAA विरोध जैसे मुद्दों पर भी सामग्री पोस्ट की थी और अल्पसंख्यकों को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की थी। यह भी आशंका थी कि इन चैनलों का उपयोग 5 राज्यों में आगामी चुनावों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लिए सामग्री पोस्ट करने के लिए किया जाएगा।”
These YouTube channels had also posted content on issues like farmers’ protests CAA protests & tried to incite minorities against Govt. It was also feared that these channels would be used to post content to undermine democratic process of upcoming polls in 5 states:Govt of India
— ANI (@ANI) December 21, 2021
वहीं, इस मामले को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि, “फेक न्यूज के जरिए देश में भय और भ्रम की स्थिति फैलाई जाएं। जो प्रयास कुछ पोर्टल और वेबसाइट के जरिए किया जा रहा था उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है। नया पाकिस्तान ग्रुप के जरिए चलने वाले लगभग 15 यूट्यूब चैनल, 5 अन्य यूट्यूट चैनल, 2 वेब पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई की गई है।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, “जो क़ानून के अनुसार उनका उल्लंघन कर रहे थे। IT नियमों के अंतर्गत उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई ताकि देश के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की ओर से जो एजेंडा चलता है, पाकिस्तान की वेबसाइट और वहां के हैंडलर्स यहां पर कर रहे हैं उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की गई है।”
जो क़ानून के अनुसार उनका उल्लंघन कर रहे थे। IT नियमों के अंतर्गत उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई ताकि देश के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की ओर से जो एजेंडा चलता है, पाकिस्तान की वेबसाइट और वहां के हैंडलर्स यहां पर कर रहे हैं उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की गई है: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर https://t.co/dNHOi1rUPm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2021
पहले, वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश केवल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय या दूरसंचार विभाग द्वारा क्रमशः आईटी अधिनियम और भारतीय टेलीग्राफ नियम, 1951 के तहत जारी किए जा सकते थे।
25 फरवरी को लाए गए नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों मसलन ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप को तीन महीने के भीतर कंप्लायंस अधिकारी, नोडल अधिकारी अदि की नियुक्ति करने को कहा गया था। निर्देशों में कहा गया था इन सभी का कार्यक्षेत्र भारत में होना जरूरी है। साथ ही नए नियम के तहत कंपनियों को किसी भी सामग्री पर प्राधिकरण की ओर से चिंता जताए जाने पर उसे 36 घंटे में हटाना होगा।
हालांकि, सामग्री को अवरुद्ध करने के सोमवार के आदेश आईबी के सचिव को दी गई आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किए गए हैं, जो अधिकृत अधिकारी द्वारा अधिसूचित किए जाने पर सामग्री को तत्काल हटाने का आदेश दे सकते हैं। फरवरी में अधिसूचित किए गए नियमों को लाइव लॉ और द वायर सहित कई डिजिटल समाचार मीडिया संगठनों द्वारा अदालत में चुनौती दी गई है।
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