राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के एक नामी स्कूल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। नोएडा के सबसे महंगे स्कूलों में से एक सेक्टर-132 स्थित स्टेप बाई स्टेप स्कूल में गुरुवार (5 अप्रैल) की दोपहर विषाक्त खाना खाकर 150 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। हालांकि, स्कूल ने सिर्फ 20 बच्चों के ही बीमार होने की पुष्टि की है। बच्चों को नोएडा और दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर रूप से बीमार बच्चे नोएडा के जेपी, मैक्स और दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती किए गए हैं। नगर मजिस्ट्रेट, पुलिस क्षेत्रधिकारी और जिला खाद्य अधिकारी की टीम जांच करने स्कूल पहुंची तो उन्हें दो घंटे तक परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने कहा कि स्कूल प्रशासन ने विधिक कार्रवाई में बाधा पहुंचाने की कोशिश की। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
देर रात स्कूल की रसोई से खाद्य सामग्री के नमूने लिए गए हैं। नमूने जांच के लिए लखनऊ भेजे जाएंगे। स्कूल में खाना बनाने वाली कंपनी सोडेक्सो फूड की प्रवक्ता सोनल शाह ने कहा है कि बच्चे खाना खाकर बीमार हुए हैं। हमारी व्यवस्था में किस स्तर पर गलती हुई है, इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने खाने में बाहर से मिलावट की आशंका भी जताई। शाह ने कहा, स्कूल प्रबंधन से भी जानकारी ली जा रही है।
जिला खाद्य अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि सभी बच्चे स्कूल में खाना खाते हैं। बच्चे को खाने का कोई भी सामान बाहर से लाने की मनाही है। स्कूल की रसोई में खाना बनाने का ठेका सोडेक्सो फूड कंपनी के पास है। गुरुवार सुबह नाश्ते में अजवायन का पराठा और लस्सी दी गई थी। स्कूल में छुट्टी घोषित अभिभावकों ने बताया कि स्कूल ने पहले मैसेज भेजा कि शुक्रवार को बच्चे घर से खाना लेकर आएंगे।
फिर देर शाम बताया गया कि स्कूल शुक्रवार को बंद रहेगा।कंपनी का ठेका निलंबित स्कूल प्रबंधन ने बताया कि सोडेक्सो फूड कंपनी का ठेका निलंबित कर दिया गया है। बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिलने के बाद मैक्स अस्पताल से डॉक्टरों की टीम बुलाकर जांच कराई गई। यहां पढ़ने वाले बच्चों को रोजाना स्कूल की ओर से ब्रेकफास्ट और लंच दिया जाता है।
जांच टीम को बाहर रोका
वहीं अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल प्रबंधन ने मामले में पुलिस-प्रशासन की जांच टीम को कोई सहयोग नहीं किया। रात करीब नौ बजे तक, चार घंटे बाद भी जांच टीम स्कूल के बाहर खड़ी रही, लेकिन अंदर घुसने नहीं दिया गया। सिर्फ खाद्य विभाग की टीम ही स्कूल में प्रवेश कर सकी, टीम ने खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे।
पुलिस के अनुसार, उन्हें शाम करीब पांच बजे मीडिया से स्कूल में आलू का पराठा खाने से बच्चों के बीमार होने की सूचना मिली। थाना एक्सप्रेसवे पुलिस स्कूल पर जांच करने पहुंची तो उन्हें घुसने नहीं दिया गया। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से ब्योरा लेने का प्रयास किया गया, लेकिन जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई।
अभिभावकों को मीडिया से बात न करने की दी चेतावनी
अमर उजाला के मुताबिक बच्चों की तबियत बिगड़ने के बाद स्कूल में इलाज कराने की वजह से उन्हें घर पहुंचने में देरी होने वाली थी। इसलिए स्कूल प्रबंधन को मजबूरी में बच्चों के अभिभावकों को सूचित करना पड़ा। बताया जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को सूचित करने के साथ ही चेतावनी भी दी कि वह इस संबंध में मीडिया को कोई जानकारी न दें न ही कहीं शिकायत करें, अन्यथा उनके बच्चे को स्कूल से निकाल दिया जाएगा।
स्कूल प्रबंधन से नहीं हो पा रहा संपर्क
वहीं, ‘जनता का रिपोर्टर’ की टीम जब स्कूल पहुंची तो वहां सुरक्षाकर्मी के अलावा कोई भी मौजूद नहीं था। स्कूल के गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मी ने स्कूल प्रबंधन का नंबर तक देने से इनकार कर दिया। रिपोर्टर बार-बार सुरक्षाकर्मी से नंबर मांगता रहा, लेकिन उसने साफ तौर पर नंबर देने और कुछ भी कहने से मना कर दिया। साथ ही स्कूल के वेबसाइट पर मौजूद सभी नंबरों को भी बंद कर दिया गया है।
इतना ही नहीं बच्चों को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया है वहां से भी छात्रों के ताजा स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल पा रही है। जेपी अस्पताल में भर्ती बच्चों के हालात जानने के लिए जब ‘जनता का रिपोर्टर’ का पत्रकार पहुंचा तो अस्पताल ने कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। वहीं, नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह से जब ‘जनता का रिपोर्टर’ ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अभी मंत्री जी के साथ मीटिंग में हूं बाद में फोन करिए।