संजीव चतुर्वेदी ने काम देने की दरख्वास्त की

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भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले नौकरशाह एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा को एक पत्र लिखकर अपने लिए काम आवंटित करने का अनुरोध किया है।

चतुर्वेदी को वर्ष 2014 में सीवीओ का कार्यकाल समाप्त होने से बहुत पहले ही पद से हटा दिया गया गया था।

रिपोर्टों के अनुसार, चतुर्वेदी हालांकि एम्स में उप सचिव के तौर पर कार्यरत रहे, लेकिन उन्हें पूर्व में आवंटित सभी काम उनसे वापस ले लिए गए।

चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में कहा है, “एम्स से जुड़ने के बाद मुझे संस्थान के सीवीओ का कार्यभार दिया गया। साथ ही सामान्य अनुभाग, संपत्ति खंड व शिकायत संबंधी अन्य छोटे-मोटे काम भी सौंपे गए। इन सभी कामों को किसी वजह का हवाला दिए बिना और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तथा स्वास्थ्य सचिव द्वारा मेरा रिकॉर्ड उत्कृष्ट बताए जाने के बावजूद एक-एक कर मुझसे वापस ले लिया गया।”

चतुर्वेदी ने पत्र में जितनी जल्दी हो सके कैबिनेट सचिव से मुलाकात का समय भी मांगा है।

चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि उनकी यह स्थिति नेताओं और नौकरशाहों के सत्ता गठजोड़ के खिलाफ आवाज उठाने के कारण हुई। उन्होंने हालांकि अपने कदमों को वाजिब ठहराया।

उन्होंने कहा, “मुझे बिना किसी काम के पूरा वेतन (एक लाख से अधिक) दिया जा रहा है और मेरे लिए यह बहुत ही अपमानजनक है।”

चतुर्वेदी ने लिखा, “यह वित्तीय और मानव संसाधनों की बर्बादी है और हमारे जैसे एक गरीब देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जहां हमारी दो तिहाई आबादी अपनी आजीविका के लिए रोज संघर्ष कर रही है।”

उन्होंने पत्र में यह भी बताया कि काम आवंटित किए जाने को लेकर किस तरह उनके बार-बार के अनुरोध को मौजूदा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अनसुना कर दिया।

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