कांग्रेस नेताओं को अपने बनाए ‘चक्रव्यूह’ से खुद निकलना होगा: जेटली

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केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को अपने बनाए चक्रव्यूह से निकलने के लिए रास्ता खुद ही निकालना होगा।

उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह नेशनल हेराल्ड अखबार मामले से कानूनी रूप से निपटे और संसद को बाधित न करे।

जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, “वित्तीय लेन-देन की एक श्रृंखला के जरिए कांग्रेस नेताओं ने खुद ही अपने लिए चक्रव्यूह बना लिया है। अब उन्हें इससे बाहर निकलने का रास्ता खुद ही ढूंढना होगा। ”

उन्होंने लिखा है, “चक्रव्यूह में फंस गए कांग्रेस नेतृत्व को चाहिए कि वह इससे कानूनी रूप से निपटे, न कि संसद को बाधित करे। लोकतंत्र को बाधित कर कांग्रेस नेता अपने वित्तीय मकड़जाल से निकल नहीं पाएंगे। ”

कांग्रेस के राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप पर जेटली ने कहा कि यह गलत तो है ही, साथ ही अदालतों पर आरोप लगाने जैसा है।

वित्तमंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा है, “उन्होंने (कांग्रेस नेताओं ने) कुछ भी खर्च किए बगैर बहुत कीमती संपत्तियां हासिल कर लीं। उन्होंने कर राहत वाली आय को बिना कर राहत वाले मकसद पर खर्च कर दिया। उन्होंने एक राजनैतिक पार्टी की आय को एक अन्य कंपनी को स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने दूसरी कंपनी के लिए बड़े पैमाने पर कर योग्य आय पैदा कर दी।”

जेटली ने कहा कि सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने लिखा, “प्रवर्तन निदेशालय ने कोई नोटिस नहीं भेजा है। आयकर अधिकारी अपने नियमों का पालन करेंगे।”

वित्तमंत्री ने लिखा है, “सरकार ने विवादित सौदों के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया है। कानून से ऊपर कोई नहीं है। भारत ने कभी इस आदेश को नहीं माना कि रानी कानून के प्रति जवाबदेह नहीं है।”

उन्होंने कहा कि इस मामले में न तो सरकार और न ही संसद, दोनों ही कांग्रेस की मदद नहीं कर सकतीं।

जेटली ने लिखा है, “ऐसे में संसद को क्यों बाधित करना और विधायी गतिविधियों को जारी रखने से क्यों रोकना? वे आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं या फिर निचली अदालत में पेश होकर मामले से उसकी गुणवत्ता के आधार पर निपट सकते हैं।”

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