दिल्ली सरकार के संबंधित विभाग ने न्यायमूर्ति वीपी वैश के समक्ष दायर हलफनामे में कहा कि वह लोकायुक्त अधिनियम के क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उसने भाजपा के पूर्व विधायक की उस याचिका को खारिज करने की मांग की, जिसमें लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका राजनीति से प्रेरित-
आप सरकार ने कहा कि यह प्रेरित याचिका है, इसे जनहित नहीं, बल्कि तुच्छ राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए दायर किया गया है। दिल्ली सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि लोकायुक्त अधिनियम की धारा 3 के प्रावधान(ए) के तहत लोकायुक्त की नियुक्ति दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नेता प्रतिपक्ष के साथ विचार विर्मश के साथ की जानी है।
इसमे आगे कहा गया है कि जवाब देने वाले प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) ने इस विधायी व्यवस्था के अनुसार लोकायुक्त के रिक्त पद को भरने के लिए 10 जुलाई, 2015 को दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर परार्मश लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दिल्ली सरकार ने कहा कि यह पूरे सम्मान के साथ सूचित किया जाता है कि लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। भाजपा के पूर्व विधायक सत प्रकाश राणा की याचिका पर 15 मई को जारी कोर्ट के नोटिस के जवाब में दिल्ली सरकार ने यह हलफनामा दाखिल किया है।
राणा के वकील जयंत नाथ ने दलील दी है कि दिल्ली में आप सरकार ने 14 फरवरी को कार्यभार संभाला लेकिन इसने लोकायुक्त एवं उपलोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।