सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है कि विशेष सरकारी वकील रोहिणी सलेन के ऊपर क्यों दबाव बनाया जा रहा है कि वे आरोपी के साथ नरम रुख अपनाएं।
यह पेटीशन मालेगांव ब्लास्ट के एक पीड़ित और एक एक्टिविस्ट हर्ष मंडेर द्वारा डाला गया था जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार और महाराष्ट्र की राज्य सरकार रोहिणी सलेन के ऊपर दबाव बना रहे हैं।
रोहिणी सलेन ने ये भी आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक अफसर ने उन्हे यहां तक धमकी दी थी कि अगर उन्होंने ऐसा नही किया तो उन्हे आतंक विरोधी वकीलों के पैनल से निकाल दिया जाएगा। वो अब ईस पैनल का हिस्सा नही हैं।
इस पेटिशन के द्वारा यह भी मांग की गई है कि एक विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया जाए जो 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट की जांच करे और इसकी निगरानी कोर्ट की देख-रेख में ही CBI द्वारा कराया जाय।