बिहार चुनाव से पहले जारी हुए धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े, समय को लेकर उठे सवाल

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बिहार में चुनाव जब सिर पर हो तो धार्मिक जगगणना को जारी करना प्रश्न तो उठाता ही है। जबकि सरकार के पास ये आकड़े मार्च 2014 से ही थे, जिसे तत्कालिन यूपीए सरकार ने लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए रोक दिया था और फिर 2015 जनवरी में मौजूदा एनडीए सरकार ने भी रोक दिया।

वैसे बिहार के कुछ नेता खासकर आरजेडी प्रमुख लालू यादव इस आंकड़े को लेकर काफी पहले से सवाल उठा रहे हैं और केंद्र सरकार से बार-बार ये मांग भी करते रहे कि जातिगत जनगणना जो कि 2011 में कराए गए थे को घोषित किया जाए।

इस आंकड़े में कहने को भले ही 10 साल बीत गए, लेकिन बिहार में मुसलमानों की आबादी में इन 10 सालों में महज 0.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। जबकि देश के स्तर पर यह वृद्धि 0.8 के आंकड़े पर जा पहुंची है। बिहार की कुल आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत 16.5 से 16.9 पर पहुंचा तो देश के स्तर पर मुसलमानों की आबादी 14.2 प्रतिशत हो गई है।

बिहार की अगर बात करें तो यहां 2011 की धार्मिक जनगणना में 2.52 लाख लोगों ने अपने धर्म का खुलासा ही नहीं किया। आंकड़े इस बात की भी तस्दीक करते हैं कि गांवों में आज भी आबादी का बड़ा हिस्सा रहता है।

बिहार की 10.40 करोड़ की आबादी में गांवों में रहने वालों की संख्या 9.23 करोड़ है। इसके विरूद्ध शहरों में आज भी महज 1.17 करोड़ लोग ही पहुंच सके हैं।

और सोमवार को भारत सरकार द्वारा धार्मिक जनगणना के आंकड़े जारी किए जाने के बाद बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से अपनी ताकत का अंदाजा लगाने में जुट गए हैं।

धार्मिक जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में जिस धर्म के लोगों की आबादी सबसे कम है उसमें पहला नंबर आता है जैन समुदाय का। दूसरे नंबर पर सिख समुदाय और इसके बाद बौद्ध समुदाय है।

आंकड़े बताते हैं कि बिहार की कुल आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 10,40,99,452 है। इसमें पुरूषों की संख्या 5,42,78,686 और महिलाओं की तादाद 4,98,21,295 है। कुल आबादी में मुसलमानों का प्रतिशत महज 16.9 है। वर्तमान बिहार में मुसलमानों की कुल आबादी 17,55,78,09 है। जिसमें पुरूष 90,44,086 और महिलाएं 85, 13,723 है।

बिहार में जैन समुदाय की कुल आबादी 18,914 है। इसी प्रकार सिखों की संख्या 23,779 और बुद्धिस्ट की आबादी महज 25,453 है। इन तीन धर्मों के मुकाबले ईसाई समुदाय फिर भी ठीक स्थिति में है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में ईसाइयों की कुल तादाद 1.29 लाख है।

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