विवादित धर्म उपदेशक जाकिर नाईक को प्रत्यर्पित करने की भारत की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मलेशिया ने जाकिर नाईक को भारत प्रत्यर्पित नहीं करेगा। मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार (6 जुलाई) को नाईक के प्रत्यर्पण से साफ तौर पर इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक नाईक हमारे देश में कोई दिक्कत खड़ा नहीं कर रहा है तब तक उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे, क्योंकि उसे मलयेशिया की नागरिकता प्राप्त है। बता दें कि जाकिर नाईक काफी समय से मलयेशिया में शरण लेकर रह रहा है।

समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक क्वालालंपुर के बाहर प्रशासनिक राजधानी पुत्रजय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि जब तक वह (नाईक) कोई समस्या खड़ी नहीं कर रहा, हम उसे वापस नहीं भेजेंगे क्योंकि उसे गैर नागरिक स्थाई निवासी का दर्जा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने जनवरी में नाईक को निर्वासित करने का अनुरोध किया था। दोनों देशों में प्रत्यर्पण संधि है। हालांकि नाइक के प्रत्यर्पण के अनुरोध या उसके खिलाफ किसी मौजूदा आरोप को लेकर न तो भारत और न ही मलय अधिकारियों की तरफ से कोई पुष्टि की गई है।
Malaysian Prime Minister Mahathir Mohamad has said that Zakir Naik will not be sent back to India: The Strait Times (file pic) pic.twitter.com/HqKMItTk09
— ANI (@ANI) July 6, 2018
खबरों के मुताबिक भारत ने नाईक को वापस भेजने की मांग की इसलिए मांग की थी, क्योंकि उसपर अपने भड़काऊ बयानों के जरिए कथित तौर पर युवाओं को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने का आरोप है। नाइक (52) ने मीडिया में आई खबरों को ‘पूर्णत: निराधार और झूठी’ करार दिया और कहा कि उनका तब तक भारत आने का कोई इरादा नहीं है जबतक वह यह महसूस नहीं करता कि ‘वह सुरक्षित रहेगा और मामले की निष्पक्ष सुनवाई होगी।’