उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की हिमायत करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने विवादित बयान दिया हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल ने राम मंदिर निर्माण में हो रही देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट को जिम्मेदार ठहराया है।

एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शाहजहांपुर पहुंचे सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा कि सभी लोग और जज भी जानते हैं कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है, पर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कोताही बरत रहा है। मंदिर निर्माण में हो रही देरी के लिए सुप्रीम कोर्ट दोषी है। ये मेरी समझ में नहीं आता कि कोर्ट ऐसा कैसे कर सकता है। धर्मपाल सिंह नहरों की सिल्ट सफाई की प्रगति का जायजा लेने शाहजहांपुर पहुंचे थे।
धर्मपाल सिंह ने आगे कहा, पिछला चुनाव नरेंद्र मोदी ने विकास के नाम पर लड़ा और उनका नारा था ‘सबका साथ सबका विकास’। लेकिन जब हम राम का नाम लेते हैं तो आप लोग कहते हो राम के नाम पर वोट मांग रहे हो और जब नाम न लो तो कहते हो राम को भूल गए। धर्मपाल सिंह ने कहा कि जो सब में रमण करता है वो राम हैं और अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बनेगा।
धर्मपाल सिंह के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “ये तीन दशक से राम मंदिर मुद्दे को देश को भड़काने, भटकाने और विभाजित कर सत्ता पाने का रास्ता बनाए हुए थे! जब चुनाव नज़दीक हैं तो दिखाने के लिए काम नहीं और सर छुपाने के लिए राम नाम नहीं! तो लगे सर्वोच्च न्यायालय को ही कोसने!
अगली बार ये भगवान राम को भी कोसेंगे!”
ये तीन दशक से राम मंदिर मुद्दे को देश को भड़काने, भटकाने और विभाजित कर सत्ता पाने का रास्ता बनाए हुए थे!
जब चुनाव नज़दीक हैं तो दिखाने के लिए काम नहीं और सर छुपाने के लिए राम नाम नहीं! तो लगे सर्वोच्च न्यायालय को ही कोसने!
अगली बार ये भगवान राम को भी कोसेंगे! https://t.co/x3ia83ftn7
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 16, 2018
बता दें कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। जहां आरएसएस के साथ साधु-संतों ने भी जल्द राम मंदिर निर्माण का आह्वान किया है तो वहीं विश्व हिंदू परिषद 25 नवंबर को अयोध्या में संत सम्मेलन शुरू करने की योजना बना रही है।