पिछले पांच दिनों से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के राज्यपाल और प्रधान पुजारी के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। मंगलवार से योगी लंबे समय के बाद लोकसभा क्षेत्र और शहर गोरखपुर में रहे है, यहां वह नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा करने में व्यस्त हैं।
बुधवार की शाम को योगी ने एक हवन के साथ मां कालरात्री की पूजा की। गुरुवार को उन्होंने महागौरी पुजन किया, जबकि शुक्रवार को आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर के अपने कमरे में सुबह 3 बजे से 7 बजे पूजा की।
महंत के रूप में, वह मठ से स्थानीय रामलीला मैदान तक दशकों पुरानी परंपरा के बाद ष्शोभा यात्राष् का नेतृत्व कर रहे हैं। मंदिर में पूजा और हवन सहित 10 दिवसीय उत्सव से जुड़े सभी अनुष्ठानों को मुख्यमंत्री मुख्य रूप से पेश कर रहे हैं।
अपने पुरोहित कर्तव्यों के साथ-साथ योगी अपने सचिव अजय सिंह के माध्यम से अपने मंत्रियों और प्रशासन को भी निर्देश दे रहे हैं, जो गोरखपुर में उनके साथ हैं। इस बार की उत्तर प्रदेश सरकार दशहरे के उत्सव को धूमधाम से मनाने की पूरी तैयारियों में सरकार समेत समस्त अमला दशहरे के जश्न में डूबा हुआ हैं। योगी योगी आदित्यनाथ भले ही मुख्यमंत्री हो लेकिन वह गोरखपुर की गोरखनाथ पीठ के मुख्य महंत भी हैं। अपने धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्ति के लिए योगी आदित्यनाथ पिछले पांच दिनों से ब्रेक पर है।
योगी मंदिर के अपने आवासीय क्षेत्र में अपनी पूजा स्थल पर विशेष प्रार्थना आयोजित कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, पुजारी से राजनेता बने योगी अब भी अपने प्रशासनिक कर्तव्यों के लिए समय निकालने में सफल हैं और शीर्ष अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहे हैं।
सप्तमी पूजन, महागौरी पूजन, कन्या पूजन और बटुक पूजनए दशहरे के जुलूस में शामिल होने का कार्यक्रम, राम, सीता, शिव और हनुमान के पूजन की सभी तस्वीरें वह अपने फेसबुक और ट्विट्र अकाउंट से शेयर भी कर रहे है।