मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और आर्थिक फैसलों का खुलकर विरोध करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को सोमवार (4 दिसंबर) को महाराष्ट्र के अकोला जिले में हिरासत में ले लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। वह कपास उत्पादक किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे।अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक राकेश कालासागर ने कहा कि हमने बंबई पुलिस कानून की धारा 68 के प्रावधानों के तहत जिला कलेक्ट्रेट के बाहर करीब 250 किसानों के साथ यशवंत सिन्हा को हिरासत में लिया। अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिये गये लोगों को अकोला जिला पुलिस मुख्यालय मैदान ले लाया गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिन्हा को कुछ देर बाद छोड़ा जा रहा था, लेकिन वह नहीं गए। पुलिस के मुताबिक, सिन्हा उनपर फर्जी कपास की कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग कर रहे थे, जबकि सरकार पहले ही ऐसी छह कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है।
बता दें कि सैकड़ों किसानों के साथ सिन्हा अकोला जिला कलेक्टर के कार्यालय के बाहर कपास और सोयाबीन पैदा करने वाले किसानों के प्रति अपनी ही सरकार की कथित बेरूखी का विरोध कर रहे थे। बता दें कि किसानों का आरोप है कि महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार विदर्भ के किसानों पर ध्यान नहीं दे रही।
प्रदर्शन के दौरान सिन्हा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह किसानों से किए अपने वादे भूल चुकी है। सिन्हा ने कहा था कि जैसे फौजी बॉर्डर पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं, ठीक वैसे ही किसानों को भी सरकार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।